बिहार भाजपा को झटका, गंभीर आरोप लगा उपाध्यक्ष राजीव रंजन का पार्टी से इस्तीफा

पटना : बिहार प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने अप्रत्याशित रूप से आज शुक्रवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। प्रदेश पार्टी अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल को भेजे अपने इस्तीफे में पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने सभी पद और पार्टी की सदस्यता खत्म करने की घोषणा की है।
राजीव रंजन ने लिखा है कि खेदपूर्वक कहना है कि बिहार भाजपा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों व आदर्शों से पूरी तरह भटक चुकी है। प्रधानमंत्री जी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ की बात केवल कहने तक ही सीमित हो चुकी है। आज पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के विरोधी तत्व हावी हो चुके हैं। हालात यह है कि जो नेता पिछड़े समाज के नहीं है, वह भी इस समाज के नाम पर दशकों से सत्ता सुख भोग रहे हैं। इनके चहेते चंद नेताओं के अतिरिक्त पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के नेताओं का उपयोग केवल झंडा ढोने तक ही सीमित कर दिया गया है, जो प्रधानमंत्री जी की नीतियों की सरासर उपेक्षा है।
राजीव रंजन ने कहा कि पार्टी में नालंदा जिले की बात तक नहीं होती। क्षेत्र में जनता द्वारा पूछे जाने पर हम जवाब तक नहीं दे पाते। इसके अतिरिक्त और भी विषय हैं जिनपर मेरा पार्टी से मतैक्य नहीं है। कई विषय मैं इस पत्र में नहीं लिख रहा, लेकिन आने वाले समय में उन्हें उठाता रहूँगा। इसीलिए मैं पार्टी के पद और सदस्यता से अपना त्यागपत्र देता हूं। आपसे अनुरोध है कि इस त्यागपत्र को स्वीकार कर मुझे पार्टी प्रदत दायित्वों से मुक्त करें।
बता दें कि छपरा में हुए जहरीली शराब कांड के मृतकों को भाजपा द्वारा मुआवजा देने की मांग का उन्होंने विरोध किया था। साथ ही इस मामले में नीतीश कुमार के फैसले की तारीफ की थी। जिसके बाद से ही उनके पार्टी छोड़ने के कयास लग रहे थे।

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