बड़ा सवालः कैसे मिलेगी बिजली, थर्मल सहित सोलर प्लांट के लिए किए गये 75000 करोड़ के एमओयू फाइलों में ही हो गए जमींदोज

रांचीः झारखंड में बड़ा सवाल यह है कि बिजली कब 24 घंटे मिलेगी, कहां से आएगी। राज्य गठन के बाद से अब तक झारखंड में एक मेगावाट भी बिजली उत्पादन में वृद्धि नहीं हुई। पावर प्लांट भी स्थापित नहीं हो पाए। पतरातू में एनटीपीसी द्वारा बनाए जा रहे पावर प्लांट से उत्पादन का डेड लाइन भी फेल हो गए। अब और एक साल बाद इससे उत्पादन शुरू होने की बात कही जा रही है। तिलैया और देवघर में बनने वाले पावर प्लांट पर ग्रहण ही लगा हुआ है। टीवीएनएल का विस्तारीकरण लटका हुआ है। गर्मी में बिजली के लिए हर साल हाहाकार मचता है। संचरना भी मजबूत नहीं हो पाई है। इसकी वजह यह भी है कि पावर सेक्टर में जितने में एमओयू हुए वे फाइलों में ही दफन हो गए।
जमींदोज हो गए 75000 करोड़ के एमओयू
पावर सेक्टर में निवेश के 75000 करोड़ फाइलों में दफन हो गये. कुल 26 एमओयू जमींदोज हो गये. अगर ये एमओयू धरातल पर उतरते तो 26,500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता. इन कंपनियों को न जमीन मिली और न ही कोयला खदान. दिलचस्प बात यह है कि इन 26 एमओयू के जरिये सिर्फ आठ कंपनियों को ही कोयला का खदान मिला.इसमें बिजली बोर्ड को तीन खदान (लातेहार में बनहर्दी, संताल में उरमा पहाड़ी कोल ब्लॉक और हजारीबाग में मौर्या कोल ब्लॉक) मिला. इसके अलावा टाटा पावर, रिलायंस, जिंदल, आधुनिक,एस्सार और अभिजीत को कोयला खदान मिले. लेकिन किसी भी खदान से कोयला का खनन शुरू नहीं हो पाया. वहीं पंजाब और हरियाणा को बादलपारा और कल्याणपुर कोल ब्लॉक आवंटित कर दिये गये.

56000 करोड़ निवेश में अब भी पेंच
राज्य में तीन अल्ट्रामेगावाट पावर प्लांट के निर्माण में अब तक पेंच फंसा हुआ है. दो साल से गाड़ी एक ईंच भी आगे नहीं बढ़ी है. रिलायंस के पीछे हटने के बाद तिलैया अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट की स्थिति वहीं की वहीं है. टीवीएनएल के विस्तारीकरण को कैबिनेट से स्वीकृति लगभग डेढ़ साल पहले मिली. लेकिन काम एक ईंच भी आगे नहीं बढ़ा. देवघर अल्ट्रा मेगावाट पावर प्लांट के लिये जमीन अधिग्रहण ही नहीं हुआ. इन तीनों पावर प्लांट में लगभग 56 हजार करोड़ रुपये निवेश किया जाना है. लेकिन अब तक एक कौड़ी भी निवेश नहीं हो पायी है. फिलहाल पतरातू प्लांट का शिलान्यास किया गया है. इसे भी बनने में 36 से 42 माह का समय लगेगा.

सोलर पावर प्लांट का एमओयू भी जमींदोज
प्रदेश में सोलर पावर प्लांट के लिये भी एमओयू किये गये. कई कंपनियों ने प्रस्ताव भी दिया. सभी जमींदोज हो गये. इसमें मोजरबियर ने 100 मेगावाट, क्रॉस ने 100 मेगावाट, सुरभी ने 25 मेगावाट, एस्मीटेलीपावर ने 30 मेगावाट, आरएसबी एनर्जी ने 20 मेगावाट, भगवती इंटरनेशनल ने 20 मेगावाट, रिन्यू विंड ने 10 मेगावाट, मिलेनियम ने 10 मेगावाट और प्रिमियम सोलर ने 25 मेगावाट का प्रस्ताव दिया था.

किस कंपनी के साथ कितने करोड़ का हुआ था एमओयू
कंपनी मेगावाट एमओयू (करोड़ में)

जिंदल 2000 10,000
टाटा पावर 3000 12,000
रूंगटा माइंस 500 500
मैथिली एनर्जी 4000 4,000
जीएमआर एनर्जी 4000 4,000
जीवीके 1200 5,000
आदित्य बिड़ला 1200 4,200
परागदिश पावर 2640 1,000
एसकेएस इस्पात 1000 4,200
इलेक्ट्रो स्टील 1000 4,021
सूर्या विनायक 1000 4,300
गंगा स्पांज 1000 4,500
केवीके नीलांचल 1000 4,000
वीजा पावर 2500 1,429
जायसवाल नीको 1500 2,000
अभिजीत 1000 4,000
एनटीपीसी 1200 4,800
रिलायंस एनर्जी 1000 4,000
इमामी पेपर 1000 4,000
मां चांदी 1000 4,000
आधुनिक 1000 4,000
कोर स्टील 1000 4,050
गुप्ता एनर्जी 1000 4,000
सीएससी 1000 4,000
मधुकॉन 1000 4,500
कॉरपोरेट एलॉयज 1215 4,000

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