बाबा बागेश्वर लौटे अपने धाम, हिंदू राष्ट्र बनाने के मुद्दे पर बिहार की सियासत में भूचाल

बिहार को कभी भूल नहीं पाऊंगा: बाबा बागेश्वर

पटना: बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री के द्वारा नौबतपुर स्थित तरेतपाली मठ में पांच दिवसीय हनुमंत कथा सह दिव्य दरबार का समापन बुधवार को हो गया।
विशेष विमान से वे वापस खजुराहो लौट गए। इससे पहले उन्होंने कहा कि वे बिहार फिर आयेंगे। हमारा जो संकल्प है वह बिहार से ही होने वाला है। उन्होंने कहा कि आप सब हमारी आत्मा हो और जब तक मेरी सांस है बिहार आता रहूंगा।
पांच दिनों के अंदर बिहार में वह हुआ जो पिछले पचास सालों में नहीं हुआ था। पूरा बिहार राम मय हो गया। बाबा के दरबार में जन सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों की भीड़ इतनी थी कि आयोजन समिति और बाबा को भी आश्चर्य हो गया। कथा में बाबा ने कहा कि इससे पहले देश और विदेश में कई दरबार लगे, लेकिन इतनी भीड़ बिहार में ही देखने को मिला है।मैं बार बार बिहार आऊंगा।
बागेश्वर बाबा ने दिव्य दरबार में हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही। इससे भाजपा के विरोधियों बाबा पर जमकर प्रहार किया। इसमें खासकर राजद,जेडीयू और कांग्रेस के नेता लगातार बाबा के खिलाफ आग उगलते रहे। पटना शहर में लगे बाबा के पोस्टर पर कालिख पोता और कई जगह पोस्टर को बाबा के विरोधियों ने फाड़ने का काम किया। भाजपा के नेता और श्रद्धालुओं ने भी पोस्टर पर कालिख पोतने की घटना का विरोध किया है।
वहीं जानकारों की मानें तो बागेश्वर बाबा ने बिहार में हिंदुओं को जगाने का काम किया है। इसमें हिंदुओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इसका सबसे अधिक लाभ भाजपा को हो सकता है। भाजपा हिन्दुत्व के मुद्दे पर चुनावी मैदान में जाती है। ऐसे बाबा बागेश्वर के हनुमंत कथा से भाजपा को आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भारी सफलता मिलने की प्रबल संभावना बन गई है।

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