फाइलेरिया उन्मूलन हेतु स्वास्थ्य कर्मियों व एनजीओ द्वारा जागरूकता रैली निकाली गई

*बोकारो :-फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत समाज में जागरूकता लाने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इसके अंतर्गत *आज दिनांक 09 फरवरी को स्वास्थ्य कर्मियों एवं एनजीओ द्वारा फाइलेरिया मुक्त समाज बनाने के लिए जागरूकता रैली निकाली*। *उक्त जागरूकता रैली को सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद एवं जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ रेणु भारती ने हरी झंडी दिखा कर रवाना*। इस दौरान बैनर, नारे, स्लोगन तथा पत्र के माध्यम से इस रोग से बचाव का संदेश दिया तथा आगामी 10 फरवरी से एमडीए (मास ड्रग एड्मिनीट्रेसन) अभियान के तहत दवा खाने के लिए लोगों को जागरूक किया। यह जागरूकता *रैली सिविल सर्जन कार्यालय से गरगा पुल चास से हवाई अड्डा बोकारो फिर हवाई अड्डा से बोकारो सर्किट हाउस मोड़ तक फिर सर्किट हाउस मोड़ से कैम्प-2 होते हुए वापस सिविल सर्जन कार्यालय में जाकर समाप्त किया गया*।

■ बचाव के लिए साल में एक बार अभियान चलाकर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती व गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को दवा खिलाई जाती है-
सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने बताया कि यह रोग संक्रामक मच्छर के काटने से शरीर में पनपता है। फाइलेरिया का वाहक गंदगी में मिलता है। इसके पैरासाइट्स कई साल तक शरीर में सुसुप्ता अवस्था में पड़े रहते हैं । महिला, पुरुष और बच्चो के भीतर लंबे समय बाद इसका संक्रमण फैलने के बाद यह बीमारी लाइलाज हो जाती है। उस समय केवल देखभाल और साफ-सफाई से नियंत्रण किया जा सकता है, इससे पूरी तरह से मुक्त नहीं हुआ जा सकता। इस रोग से बचाव के लिए साल में एक बार अभियान चलाकर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती व गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को दवा खिलाई जाती है।

जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ रेणु भारती ने बताया कि पीसीआई संस्था के सोशल मोबलाईजेशन कोआर्डिनेटर के जरिये शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में अब तक 500 से अधिक स्कूलों व कॉलेजों में जाकर लगभग 11 हजार बच्चों को फाइलेरिया उन्मूलन के लिये एमडीए (मास ड्रग एड्मिनीट्रेसन) प्रोग्राम को लेकर जागरुक किया जा चुका है।

डॉ उत्तम कुमार ने बताया कि यह रोग स्त्री और पुरुष दोनों के शरीर के अंगो जैसे पैर, महिलाओं के स्तन और पुरुषों में हाइड्रोसील हो सकता है। फाइलेरिया के लक्षणों में सूखी त्वचा, त्वचा का सामान्य से ज्यादा मोटा होना, छाले युक्त त्वचा नज़र आना, त्वचा का रंग सामान्य से अधिक गहरा होना इसके संक्रमण की पहचान को बताता है। संक्रमण से बचाव के लिए एमडीए अभियान में दवा खिलाकर परजीवी को शरीर में पहले ही प्रभावहीन कर दिया जाता है।
जागरूकता रैली के दौरान स्वास्थ्य विभाग के आशीष कुमार, पवन कुमार सभी कर्मी सहित उपस्थित थे।

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