अर्जुन मुंडा ने किया लक्ष्य पर फोकस,24 के रण को जीतने की तैयारी…

खूंटी: मिशनरी समुदाय बहुल जिला खूंटी में इस बार लोकसभा चुनाव बहुत ही रोमांचक होने वाला है। या यूं कहिए तो यह सीट सबसे हॉट रहने वाला है।इसपर पूरे देश की नजर होगी। क्योंकि इस सीट पर भारत सरकार के कृषि एवम कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से कालीचरण मुंडा के प्रत्याशी बनाए जाने की प्रबल संभावना है। हालांकि उनके नाम पर कांग्रेस आलाकमान औपचारिक घोषणा नहीं किया है। वैसे हाल ही में कांग्रेस ने शामिल समाजसेविका दयामनी बारला भी टिकट की कतार में है। इसके आलावा झापा का उम्मीदवार भी वोट काटने के लिए मैदान में होगा।
पिछली बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कालीचरण मुंडा ने अर्जुन मुंडा को कड़ी टक्कर देने का काम किया था।
समय बीतने के साथ यहां की परिस्थितियां भी बदली है। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि ईसाई और मुस्लिम वोटरों के बीच भाजपा की पकड़ शून्य है। इसके अलावा यहां पर आदिवासी और मूलवासी हैं। आदिवासी में सरना आदिवासी का वोट बहुत हद तक भाजपा को मिलता रहा है। लेकिन मूलवासी वोटरों में कालीचरण मुंडा ने सेंधमारी की है। बीते दिनों काफी समय उन लोगों के बीच गुजरने का काम किया है। इसलिए इस बार का फाइट पिछली बार की तुलना में अधिक टफ होगा।
अर्जुन मुंडा को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के साथ ही यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि भाजपा अपनी परंपरागत सीट को बचा पाएगी या कांग्रेस की हार का सिलसिला टूटेगा। एक ओर पद्मभूषण कड़िया मुंडा का वरदहस्त अर्जुन मुंडा को प्राप्त हैं, वहीं खूंटी के बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा और उनके समर्थक इस बार भी ऊहापोह की स्थिति में हैं। पिछली बार कांग्रेस ने बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के बड़े भाई कालीचरण मुंडा को उम्मीदवार बनाया था। जिसके कारण अर्जुन मुंडा को यह खतरा महसूस हुआ था कि कहीं नीलकंठ सिंह मुंडा पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं को दिभ्रमित न कर दें, इस कारण अर्जुन मुंडा ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान नीलकंठ सिंह मुंडा के खूंटी स्थित पैतृक आवास में रहना तय किया था। इसका अर्जुन मुंडा को लाभ मिला और वे चुनाव में विजयी रहे।
ठीक उसी तरह की रणनीति इस बार भी अर्जुन मुंडा को तैयार करना पड़ेगा।

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