आगुष्मान योजना से योग्य लाभुकों को जोड़ने के लिए सभी वार्ड में लगाए शिविर: उपयुक्त

खूंटी: उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में स्वास्थ्य विभाग की बैठक हुई।
मौके पर उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता है कि मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराया जाय। जिला प्रशासन इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं व सेवाओं को सुदृढ़ एवं बेहतर बनाया जाएगा ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो सके।

उपायुक्त ने सभी CHO के कार्यों की बिंदूवार समीक्षा की। OPD, टेलीमेडिसिन, कम्यूनिटी बेस्ड असेसमेंट में किए गए कार्यों की समीक्षा में क्रम में सख्त निर्देश दिए कि कार्य में कोताही बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आयुष्मान कार्ड बनाने के लक्ष्य प्रत्येक CHO को 20 से अधिक का रखा गया है।

ब्लड डोनेशन के लिए साल भर में 100 से अधिक कैंप लगाने का लक्ष्य

उपायुक्त ने निर्देशित किया कि प्रत्येक माह में रोस्टर वार ब्लड कैंप आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ब्लड की उपलब्धता को देखते हुए प्रत्येक माह लक्ष्य के अनुसार ब्लड डोनेशन के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाय।
इसमें CRPF, पुलिस, नगर पंचायत, प्रखंड विकास पदाधिकारी, विभिन्न शिक्षण संस्थान, मीडिया, स्पोर्ट्स व अन्य संस्थानों को जोड़ा गया है।

सभी प्रखंडों में आयोजित की जाएगी मासिक समीक्षा बैठक

उपायुक्त ने निर्देशित किया कि सभी MOIC व प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने संबंधित क्षेत्र के प्रमुख, उपप्रमुख, एएनएम, स्वास्थ्य कर्मी, सहियाओं के साथ बैठक कर मासिक स्वास्थ्य कार्यों की चर्चा करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य प्रबंधन को देखते हुए आवश्यक प्रयास हर स्तर पर किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसमें चिकित्सा कर्मियों को आमजनों के साथ बेहतर संपर्क बनाते हुए संवेदनशील होकर कार्य करेंगे।

उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि जिले में मरीजों के लिए उपलब्ध एवं अनुपलब्ध दवाईयों के सूचि जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने जिले के हर स्वास्थ्य उपकेंद्र पर एएनएम की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर आवश्यकताओं से संबंधित सूचि उपलब्ध कराया जाय।

बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा अस्पतालों में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु अधिकारियों व कर्मियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की बिंदुवार समीक्षा की गई। साथ ही उनके कार्य व दायित्वों के सम्बंध में विस्तार से चर्चा की गयी।

उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के साथ-साथ सभी पी.एच.सी/सी.एच.सी में भी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उचित स्वास्थ्य सुविधा के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है।
साथ ही सदर अस्पताल में आवश्यक उपकरणों व संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने कहा कि सभी योग्य लाभुक का आयुष्मान कार्ड बनाया जाय ताकि हर एक जरुरतमंद व्यक्ति को आयुष्मान भारत योजना का पूर्ण लाभ मिल सके।

इसके अलावा बैठक के दौरान अस्पतालों में मशीनों की कमी, चिकित्सकों की उपस्थिति व अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ करने हेतु विशेष पहल करने के निर्देश दिए।

आगे उन्होंने निर्देशित किया कि महिलाओं की ए. एन. सी के साथ-साथ सभी महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया जाना सुनिश्चित किया जाय। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि अस्पताल परिसर में चिकित्सकों, स्वास्थ्य सेवाओं एवं दवाईयों की पूर्ण विवरणी उपलब्ध कराई जाय।

महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत, जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने के कार्य को मिशन मोड में संचालित किए जाने के निर्देश। इसमें पीडीएस डीलर, प्रज्ञा केंद्र के संचालक एवं स्वास्थ्य विभाग के टीम को समन्वय बनाए रखते हुए कार्य करने के निर्देश दिए।

उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया है कि सभी योग्य लाभुकों को गोल्डेन कार्ड से अच्छादित करना जिला प्रशासन का दायित्व है। लाभुक परिवार के सभी सदस्यों को सरलता से गोल्डेन कार्ड प्राप्त हो, इस निमित जिला प्रशासन द्वारा जनवितरण प्रणाली दुकानवार शिविर लगा कर गोल्डेन कार्ड बनाया जा रहा है।  
लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना जिला प्रशासन  की पहली प्राथमिकता है।

उन्होंने सिविल सर्जन सहित अन्य सम्बन्धित पदाधिकारियों को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर रूप से संचालित करने के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना अधिकारियों व कर्मियों का अहम दायित्व है।

जिला के कुपोषण उपचार केन्द्रों के तहत लोगों मिल  रही  चिकित्सा  की सुविधा की समीक्षा के  दौरान उपायुक्त ने कहा  कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना जिला प्रशासन  की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जिला अंतर्गत किसी भी सरकारी अस्पताल  एवं स्वास्थ्य  उपकेन्द्र में  चिकित्सा  हेतु आवश्यक  संसाधन की कमी  हो तो इससे संबंधित  जानकारी जिला प्रशासन को जानकारी  दें। जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
मौके पर   जिला अंतर्गत  संचालित  एमटीसी (कुपोषण उपचार  केन्द्र) के द्वारा  स्वास्थ्य के विभिन्न  पहलुओं पर  प्राप्त  उपलब्धियों की  समीक्षा  करते  हुए संबंधित  चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

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