बीज दिवस पर कृषि मंत्री बादल ने ऑनलाइन बीज वितरण की शुरुआत की

रांची: झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने खरीफ 2023 के बीज वितरण की शुरुआत शुक्रवार को किया।ऑनलाइन बीज वितरण की गोड्डा जिले से शुरुआत हुई। जहां राज्य के सभी जिले के जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।

विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीक कृषि निदेशक चंदन कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चतरा जिले के कान्हा चट्टी प्रखंड के उदय डांगी भी जुड़े। इसमें एक प्रवासी मजदूर के तौर पर गुजरात में 25 साल से काम कर रहे थे। कोरोना काल में यह वापस अपने गांव आए और इन्होंने खेती शुरू की।उसने कहा कि कृषि विभाग की मदद से महज 2 वर्षों में ही 25 साल में जो कुछ नहीं मिला था वह आज मिल गया। आज अपने साथ कई किसानों को भी आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
वहीं कृषि मंत्री बादल ने कहा कि मई तक पूरे राज्य में बीज का वितरण हो जाय यह हमारा प्रयास रहेगा। आज गोड्डा और चाईबासा से इसकी शुरुआत हमने किया है। पिछले साल भी 12को ही बीज वितरण की शुरुआत हुई थी। इस बार भी हमारा जो लक्ष्य है उसे हम समय पर पूरा कर लेंगे।
श्री बादल ने कहा कि बीज वितरण में लैंप्स पैक्स, स्वयं सहायता समूह की सहभागिता सुनिश्चित होनी चाहिए और गांव के अंतिम किसान तक कृषि योजना का लाभ पहुंचे, इसके लिए काम करने की जरूरत है। इस वर्ष भी बीज का वितरण पूरी पारदर्शिता के साथ ब्लॉक चेन तकनीक से किया जाएगा और माइक्रो लेबल पर बीज वितरण की मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि बीज वितरण का कार्यक्रम जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधियों या उनके प्रतिनिधि के नेतृत्व में प्रखंड स्तर पर आयोजित किया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को बीज समय पर मिले। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर किसानों को अपने पैर पर खड़ा करने का काम सरकार कर रही है और इसके सफल कार्यान्वयन में आपकी समर्पण भावना का होना अत्यंत जरुरी है।
श्री बादल ने कहा कि किसानों को समय पर बीज मिले इसके लिए 16100 क्विंटल बीज आपूर्ति हेतु आदेश निर्गत किए जा चुके हैं जिनमें 12,000 क्विंटल धान बीज, 2800 क्विंटल मक्का, 300 क्विंटल मडुआ बीज और एक हजार क्विंटल मुंग बीज शामिल हैं। पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम,सरायकेला, दुमका, देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज में रोहिणी नक्षत्र में धान की जल्दी बुआइ की जाती है, इसके लिए इन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर 10,250 क्विंटल धान बीज की आपूर्ति हेतु आदेश निर्गत किया जा चुका है साथ ही, आगामी दिनों में भी विभिन्न फसलों के अतिरिक्त करीब 50,000 क्विंटल विभिन्न फसलों के बीज जिलों को वितरण हेतु आवंटित किए जाएंगे।
कृषि मंत्री ने कहा कि हम 12लाख किसानों को ₹3500 प्रति किसान मुख्यमंत्री फसल राहत योजना के तहत लाभांवित करने में सफल रहे तथा पांच लाख किसानों का सरकार ने लोन माफ किया है।
कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव श्री अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि कृषि के विकास के लिए डीएमएफटी सहित जिला में उपलब्ध विभिन्न योजनाओं के साथ कन्वर्जन करें, किसानों का समग्र विकास हो सके। उन्होंने कहा कि समय पर किसान को बीज उपलब्ध हों,इस पर विभाग का फोकस है और सभी जिला कृषि पदाधिकारी और जिला सहकारिता पदाधिकारी की यह जवाबदेही है कि समय पर बीज और खाद की मांग करें, उसकी आपूर्ति सुनिश्चित हो तथा समय पर लैंप्स और पैक्स तक डिलीवरी हो। हमारी सफलता तब मानी जाएगी जब विभाग की ओर से भेजा हुआ बीज किसानों के हाथ में पहुंच जाएगा। श्री अबू बकर सिद्दीक ने कहा कि लैंप्स पैक्स की सूक्ष्म स्तर पर मॉनिटरिंग होनी चाहिए। बीज का वितरण मानक के अनुरूप हो रहा है, उसकी जांच सुनियोजित तरीके से होनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा किसानों को सरकार की योजनाओं से जोड़ें। लैंप्स पैक्स को सक्षम बनाएं। प्रत्येक प्रखंड में बीज वितरण का कार्यक्रम करें और लैंप्स पैक्स को कार्यगत पूंजी से अच्छादित करें।

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