अनंत यात्रा पर निकले आचार्य किशोर कुणाल,निवास स्थान से महावीर मन्दिर होते कौनहारा घाट गयी अंतिम यात्रा
अनूप कुमार सिंह
पटना।महावीर मन्दिर में सवा घंटे रहे
धर्म को परोपकार से जोड़ अमर हो चुके आचार्य किशोर कुणाल सोमवार को अनंत यात्रा पर निकल पड़े”! एकदम निश्चिंत भाव में लेटे हुए!जैसे अपने हिस्से का काम कर गये! सोमवार सुबह नौ बजे पटना के गोसाईं टोला स्थित सायण निलय से आचार्य किशोर कुणाल की अनंत यात्रा शुरू हुई। एकलौते पुत्र सायण कुणाल समेत सभी परिजन साथ थे। लेकिन आचार्य किशोर कुणाल ने तो जीते जी बहुत बड़ा परिवार बना लिया था। महावीर मन्दिर, महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल, अमावा राम मन्दिर व ऐसे दर्जनभर से ज्यादा संस्थानों से जुड़े लोग, कर्मचारी और उन कर्मचारियों के परिजन भी साथ थे। धर्म के पुरोधा के तौर पर पहचान बना चुके आचार्य किशोर कुणाल को जानने वाले हजारों कारवां लंबा था! रास्ते भर कुणाल साहब अमर रहें के आसमान तक पहुंचते नारे! साहब इसलिए कि एक कड़क मिजाज व ईमानदार आईपीएस अधिकारी के तौर पर भी दुनिया उन्हें जानती-पहचानती रही। इसी पटना के एसएसपी रहे। बड़े-बड़े साहसिक काम किये। सुबह दस बजे आचार्य किशोर कुणाल का पार्थिव शरीर महावीर मन्दिर पहुंचा। पटना जंक्शन स्थित वह महावीर मन्दिर जिसे पटना के सीनियर एसपी रहते! उन्होंने सुव्यवस्थित कर भव्य स्वरूप प्रदान किया। इसी महावीर मन्दिर न्यास के सचिव रहकर नौ चैरिटेबल अस्पताल खोले। ऐसे और कई बड़े काम किये। गौरतलब हो कि महावीर मन्दिर प्रांगण में उनका पार्थिव शरीर संत रविदास की प्रतिमा के सामने रखा गया। संत रविदास की तरह आचार्य किशोर कुणाल ने भी जात-पात का भेद मिटाया। महावीर मन्दिर समेत कई मन्दिरों में दलित पुजारी नियुक्त किए। महावीर मन्दिर प्रांगण में पुरोहितों ने गीता, कठोपनिषद आदि का पाठ किया। आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल, जीवनसंगिनी अनीता कुणाल, पुत्रवधु व सांसद शाम्भवी, समधी मंत्री अशोक चौधरी समेत करीबी परिजन वहां मौजूद रहे। इस दौरान हजारों भक्तों व चाहने वालों ने आचार्य किशोर कुणाल के अंतिम दर्शन कर पुष्प अर्पित किये। इस कड़ी में पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव, बिहार सरकार के मंत्री नितीन नवीन, सुमित कुमार सिंह समेत कई नेताओं एवं गणमान्य लोगों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये। 11 बजे हनुमान जी की आरती की घड़ी थी। आचार्य किशोर कुणाल वर्षों तक सुबह-शाम की आरती में आते रहे। इधर कुछ वर्षों से स्वास्थ्य कारणों से शाम की आरती में जरूर आते। सोमवार को आचार्य किशोर कुणाल के लिए अंतिम आरती थी। मुख्य गर्भगृह में हनुमानजी के दोनों विग्रहों व राम दरबार की आरती के बाद पुजारी सीधे आचार्य किशोर कुणाल के पार्थिव शरीर के पास गये। उन्हें उनके आराध्य की आरती दिलायी। भोग और चरणोदक प्रसाद भी दिया। फिर मुख्य गर्भगृह के सम्मुख नीचे प्रांगण में ही कुछ क्षण के लिए उन्हें लाया गया। किशोर कुणाल ने अपने आराध्य के अंतिम दर्शन किए। महावीर मन्दिर प्रांगण में ही आचार्य किशोर कुणाल के पार्थिव शरीर की परिक्रमा करायी गयी। वहां से वे सीधे हाजीपुर स्थित कौनहारा घाट के लिए अनंत यात्रा पर निकल पड़े। उसी कौनहारा घाट पर जहां उनके पिता स्वर्गीय रामचंद्र शाही का अंतिम संस्कार हुआ था। गंडक नदी जिसे नारायणी नदी भी कहते हैं, उसके तट पर। वहीं ठीक सामने आचार्य किशोर कुणाल ने भगवान शंकर के विशालनाथ मन्दिर का पुनर्निर्माण कराया था। वहीं सटे विशालनाथ अस्पताल भी खुलवाया। यहाँ मात्र तीस रुपये में मरीजों का इलाज होता है। कौनहारा घाट पर सरकार की ओर से प्रशासनिक इंतजाम थे। दर्शनाभिलाषियों के लिए टेट-कुर्सियां लगी थीं। वैशाली एसपी हरिकिशोर राय तो घंटों वहां रहे और अंतिम संस्कार के बाद ही निकले। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश व महावीर मन्दिर न्यास के अध्यक्ष जस्टिस बी एन अग्रवाल, बिहार-झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव व महावीर मन्दिर न्यास के सदस्य विजयशंकर दूबे, पूर्व जस्टिस पी के सिन्हा, महाधिवक्ता पी के शाही, मंत्री जमा खां, सुमित सिंह, मदन सहनी, पूर्व मंत्री राणा रंधीर, रामकृपाल यादव, विधायक मुन्ना तिवारी, मुकेश रौशन, प्रदीप जैन, डाॅ एल बी सिंह, डाॅ एस एस झा, डाॅ डी के रमण और अनेक गणमान्य लोग आचार्य किशोर कुणाल के अंतिम संस्कार के साक्षी बने। अयोध्या, वाराणसी समेत देश के कोने-कोने से साधु-संत भी पहुंचे थे। अयोध्या हनुमान गढ़ी के महंथ राजू दास, रामसुन्दर दास, रामदास, फतुहा के महंथ शिवानंद, बड़ी पटन देवी के महंथ विजयशंकर गिरि समेत कई साधु-संत थे। आचार्य किशोर कुणाल का अंतिम संस्कार उनकी जन्मभूमि की पारंपरिक विधि से किया गया। दोपहर दो बजे पुत्र सायण कुणाल ने मुखाग्नि दी। इसी के साथ आचार्य किशोर कुणाल अनंत यात्रा पर निकल पड़े। नश्वर शरीर को त्याग पवित्र आत्मा के साथ।