आस्था: 25 लाख की लागत से बनेगा बाबा बुद्धेश्वर महादेव शिव मंदिर का भव्य गुंबद।

यहां साक्षात जागते हैं बाबा बुद्धेश्वर महादेव; हर शाम होता है बाबा का भव्य श्रृंगार।
सरायकेला। सरायकेला के कूदरसाई स्थित बाबा बुद्धेश्वर महादेव भोलेनाथ का शिव मंदिर वर्षों से शिव भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। जहां मान्यता रही है कि सच्चे मन की गई प्रार्थना सफल हुई है। तकरीबन 400 साल से अधिक पुराने स्थापित उक्त बाबा बुद्धेश्वर महादेव के शिवलिंग के प्रति स्थानीय शिव भक्तों में गहरी आस्था रही है। यहां प्रतिदिन बाबा बुद्धेश्वर महादेव की पूजा अर्चना के साथ भव्य संध्या आरती और बाबा के अलौकिक श्रृंगार का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में और महाशिवरात्रि सहित अन्य प्रमुख पूजा अवसरों पर बाबा के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है।
कुदरसाई शिव भक्त मंडली के सहयोग से बाबा बुद्धेश्वर महादेव शिव मंदिर के रिनोवेशन का कार्य प्रारंभ किया गया है। जिसने शिव भक्तों के सहयोग से ही तकरीबन 25 लाख रुपए की लागत से बाबा बुद्धेश्वर महादेव शिव मंदिर का भव्य गुंबद का निर्माण कराया जा रहा है। इसके तहत कूदरसाई शिव भक्त मंडली द्वारा शिव भक्तों से सभी प्रकार के सहयोग लिए जा रहे हैं। जिसमें 11 ईंटों के सहयोग के साथ शारीरिक और आर्थिक सहयोग भी गुंबद निर्माण के लिए शिव भक्तों द्वारा किया जा रहा है।

यहां साक्षात होते हैं बाबा बुद्धेश्वर महादेव:-
सरायकेला के इतिहास के पन्नों के अनुसार जिस समय सरायकेला में स्टेट परंपरा की शुरुआत हुई थी। उस समय सरायकेला स्टेट के प्रथम शासक रहे कुंवर बूढ़ा विक्रम सिंहदेव का सरायकेला आगमन और सरायकेला स्टेट की स्थापना 1610 ईस्वी में हुई थी। उसी समय कुंवर बूढ़ा विक्रम सिंहदेव ने कूदरसाई क्षेत्र में राजमहल की स्थापना से पूर्व बाबा बुद्धेश्वर शिवलिंग की स्थापना की थी। जिसके बाद बाबा बुद्धेश्वर शिव मंदिर परिसर में राजमहल बनाया गया था। 1927 में खरकई नदी में आई भीषण बाढ़ में राजमहल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। और उसके नामोनिशान पर मिट गए। परंतु बाबा बुद्धेश्वर महादेव का शिवलिंग यथावत अपने स्थान पर बना रहा। जिसके बाद राजमहल की स्थापना वर्तमान में सरायकेला नगर क्षेत्र में बने राजमहल के स्थान पर की गई। और बाबा बुद्धेश्वर शिव मंदिर का निर्माण कराया गया। वर्षों से शिव मंदिर का गुंबद नहीं होने का अभाव झेल रहे मंदिर में वर्तमान में शिव भक्तों के सहयोग से भव्य गुंबद निर्माण की शुरुआत की गई है। जिसके लगभग अगले 2 महीने में अपने प्रस्तावित स्वरूप में आ आने की संभावना बताई जा रही है। इसे लेकर शिव भक्तों और कूदरसाई शिव भक्त मंडली में बेहद उत्साह देखा जा रहा है।

प्रति संध्या यहां होता है बाबा का भव्य श्रृंगार:-
कूदरसाई स्थित बाबा बुद्धेश्वर महादेव शिव मंदिर में प्रति शाम भव्य संध्या आरती का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही शिव भक्तों के सहयोग से प्रसाद वितरण एवं भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। मुख्य शहर के तकरीबन 2 किलोमीटर दूर कूदरसाई स्थान पर स्थित बाबा बुद्धेश्वर शिव मंदिर का प्रति शाम कूदरसाई शिव भक्त मंडली द्वारा भव्य श्रृंगार किया जाता है।

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