जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई यातायात प्रबंधन व सड़क सुरक्षा संबंधी समीक्षात्मक बैठक
अनूप कुमार सिंह।
पटना। गुरुवार को पटना डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभागार में राजधानी पटना के यातायात प्रबंधन, नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता, शहर का सौन्दर्यीकरण व अन्य संबंधित विषय पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई। इसमें पटना के बहुमुखी विकास हेतु अल्पकालीन व दीर्घकालीन कार्य-योजनाओं पर विस्तृत विमर्श किया गया।गौरतलब हो कि स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप जनहित में विकासात्मक योजनाओं के प्रतिपादन पर विचार किया गया। पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि पटना का वृहत स्तर पर विकास हो रहा है। काफ़ी संख्या में पथ, सेतु, फ़्लाई ओवर बनाया गया है। मेट्रो का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। सरकार की विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन ने आम जनता के जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन लाया।
डीएम ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों को सर्वोत्तम सुविधा प्रदान उपलब्ध कराने की दिशा में तत्पर है। पटना जिला में शहरी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर सरकार द्वारा डेडिकेटेड संगठनीय ढांचा की पूर्व में ही स्वीकृति दी गई है। जिला पदाधिकारी, पटना के नियंत्रणाधीन जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं संबंधित नगर निकायों की एकीकृत शहरी प्रबंधन इकाई के गठन की स्वीकृति दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के तहत अपर जिला दंडाधिकारी (नगर-व्यवस्था) सहित लगभग 42 पदों का सृजन किया गया है। गृह विभाग के तहत पुलिस उपाधीक्षक के 3 पद, पुलिस निरीक्षक के 3 पद, पुलिस अवर निरीक्षक के 9 पद, सहायक पुलिस अवर निरीक्षक के 18 पद एवं सिपाही के 120 पदों सहित 153 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत अपर नगर आयुक्त के 2 पदों एवं कार्यपालक पदाधिकारी के 3 पदों का सृजन किया गया है।
डीएम ने कहा कि अपर जिला दंडाधिकारी (नगर व्यवस्था) शहरी प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए नियमित तौर पर अतिक्रमण उन्मूलन अभियान संचालित करेंगे ताकि आम जनता को ट्रैफिक जाम इत्यादि समस्या का सामना न करना पड़े। ज़िलाधिकारी ने कहा कि जनहित में सड़कों, फुटपाथ एवं सर्विस रोड को अतिक्रमणमुक्त रखना आवश्यक है। इस उद्देश्य से समय-समय पर अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान चलाया जाता है। सभी मुख्य मार्गों एवं प्रधान मार्गों (आर्टिरियल रोड तथा ट्रंक रोड) से अवैध वेंडिंग तथा अवैध पार्किंग को हटाना जनता के लिए आवश्यक है। किसी भी मार्ग पर किसी भी तरह की अनधिकृत व्यावसायिक गतिविधि की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है।
जिलाधिकारी ने अपर जिला दंडाधिकारी (नगर व्यवस्था) को निदेशित किया कि अतिक्रमण उन्मूलन अभियान का कैलेण्डर अग्रिम रूप से जारी करें। फरवरी माह का कैलेण्डर शीघ्र उपस्थापित करने का निदेश दिया गया। साथ ही लोगों का फीडबैक लेने के लिए एक व्हाट्सएप नम्बर जारी करने तथा नियंत्रण कक्ष संचालित करने का निदेश दिया गया। डीएम ने कहा कि इस नम्बर पर कोई भी व्यक्ति अपना सुझाव या फीडबैक दे सकते हैं। वे शहरी व्यवस्था से संबंधित अपनी समस्याओं को दर्ज करा सकते हैं जिसपर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप प्रशासन का शहर के सौन्दर्यीकरण एवं नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता दोनों पर विशेष फोकस है। लोगों से भी नियमित फ़ीडबैक एवं सुझाव लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सौन्दर्यीकरण के लिए हरित क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। यातायात के दृष्टिकोण से मानकों के अनुसार यू-टर्न, वन-वे, ट्रैफिक डायवर्सन, यातायात नियमों का अनुपालन, साईनेजेज का जगह-जगह प्रदर्शन इत्यादि का क्रियान्वयन किया जा रहा है। अवैध पार्किंग पर रोक लगाने से यातायात सुगम रखने में आसानी होगी। सुचारू यातायात व्यवस्था जनहित में अत्यावश्यक है। यह हमारे कार्यशैली एवं जीवन-शैली पर भी काफी प्रभाव डालता है।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन द्वारा आम जनता की सुविधा हेतु यातायात, परिवहन तथा पार्किंग के लिए बेहतर-से-बेहतर व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक (यातायात); अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर तथा अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) की सदस्यता वाली एक त्रि-सदस्यीय उप समिति लगातार क्रियाशील है जो नगर निगम के अधिकारियों के साथ शहरी क्षेत्रों का लगातार भ्रमण कर नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता हेतु आवश्यक कार्रवाई करती है।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि नागरिकों के लिए संवेदनशील व्यवस्था का निर्माण; ज़िला में सर्वाेत्तम नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता एवं शहर का सौन्दर्यीकरण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) को सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा। उन्होंने कहा कि पटना पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी भारत के लिए द्वार (गेटवे) की भूमिका निभाता है। यहाँ उत्कृष्ट यातायात जीवन-सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि, विकास एवं लोगों के जीवन-स्तर में सुधार लाने में उत्प्रेरक का काम करेगा। अतः उच्च तकनीकों पर आधारित यातायात-प्रबंधन पटना जैसे महत्वूर्ण शहर के लिए अत्यावश्यक है।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि यातायात नियंत्रण में साईन बोर्ड, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, वाहन गति उल्लंघन संसूचन, स्वचालित नम्बर प्लेट पहचान तंत्र काफ़ी सहायक होता है। उन्होंने कहा कि लोक-सुरक्षा सुनिश्चित करना हमसब का महत्वपूर्ण दायित्व है। सीसीटीवी-आधारित निगरानी (सर्वेलेन्स) तंत्र सुदृढ़ करने से इसमें काफी सहायता मिल सकती है। पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा नगर निगम क्षेत्रों में सीसीटीवी-आधारित सर्विलेंस सिस्टम (निगरानी केन्द्र) विकसित की गयी है। एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस), वैरिएवल मैसेज साईन बोर्ड (वीएमडी), पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं इमर्जेन्सी कॉल बॉक्सेज (ईसीबी), स्पीड व्यालेशन डिटेक्शन (एसवीडी), ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) तथा इन्व्यारनमेंटल सेन्सर लोकेशन (ईएसएल) प्रणाली का क्रियान्वयन विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है। इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है।
विदित हो कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगभग 415 स्थानों पर 3300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। इसमें सीसीटीवी सर्विलांस कैमरा 2,602; रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) कैमरा 473; ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरा 150; स्पीड व्यालेशन डिटेक्शन (एसवीडी) कैमरा 12 तथा व्हीकल डिटेक्शन एंड क्लासिफिकेशन (वीडीसी) कैमरा 120 लगाया गया है। 69 स्थलों पर पब्लिक एड्रेसल सिस्टम द्वारा नियमित तौर पर उद्घोषणा की जाती है।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा यातायात प्रबंधन एवं निगरानी में काफी अच्छी भूमिका निभाई जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निदेश दिया कि पटना स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) का प्रभावी ढंग से अनुश्रवण करें। सीसीटीवी कैमरों, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, ईसीबी, आरएलवीडी, वीएमडी, एएनपीआर आदि का अधिष्ठापन/क्रियाशीलता सुनिश्चित करें।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण अक्सर यातायात पर दबाव देखा जा रहा है। कंजेशन की समस्या दूर करने तथा सुचारू परिवहन के लिए बेहतर प्रबंधन आवश्यक है। इससे सड़क दुर्घटना को रोका जा सकता है। नेहरू पथ (सगुना मोड़-राजाबाजार-चिड़ियाघर-राजवंशी नगर-शास्त्री नगर-विश्वेश्वरैया भवन/विकास भवन-बिहार म्यूजियम-आयकर चौराहा), खगौल नहर रोड, अटल पथ, चितकोहरा, गर्दनीबाग, बोरिंग रोड, कंकड़बाग, चिरैयाटांड पुल, बांकीपुर, कुम्हरार, बाईपास, अशोक राजपथ, पटना सिटी एवं अन्य किसी भी क्षेत्र में यातायात में बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि नागरिक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है। इसके लिए पार्किंग विकास, हरित विकास तथा अतिक्रमण मुक्ति की योजना चल रही है। इस कार्य योजना में आवश्यकता के अनुसार यू टर्न, पार्किंग, हरित क्षेत्र विकास किया जाएगा।
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक यातायात, विशिष्ट पदाधिकारी अनुभाजन, अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था), अपर जिला दंडाधिकारी (नगर-व्यवस्था), ज़िला परिवहन पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक यातायात एवं अन्य भी उपस्थित थे।