सियासी घमासान के साथ बालू ने उड़ा दी है नींद, राज्य में एक लाख करोड़ के सरकारी प्रोजेक्ट की रफ्तार हो गई धीमी
रांची। झारखंड में चल रहे सियासी घमासान के बीच बालू ने भी नींद उड़ा दी है। राज्य में लगभग एक लाख करोड़ के सरकारी प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी हो गई है इन प्रोजेक्टों में बालू संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है सूत्रों के अनुसार सरकारी प्रोजेक्ट में चल रहे निर्माण कार्य में हर महीने लगभग 80 करोड़ रुपये की बालू की आपूर्ति होती है। राज्य में फिलहाल पथ निर्माण विभाग में 30 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट चल रहे हैं ग्रामीण विकास विभाग में 25 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट चल रहे हैं नगर विकास विभाग में 15 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट और भवन निर्माण विभाग में लगभग 20 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा कृषि विभाग स्वास्थ्य विभाग और ऊर्जा विभाग में भी कुल मिलाकर 15 से 20 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। बताते चलें कि राज्य में 688 बालू घाट हैं इन इनमें से सिर्फ 14 बालू घाटों से ही बालू की निकासी हो रही है शेष बालू घाटों का टेंडर नहीं हो पाया है राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में लगी आचार संहिता को देखते हुए फिलहाल केंद्र की अनुमति नहीं दी है इस वजह से 31 मई तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकेगी वही 10 जून से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल मानसून के कारण नदी से बालू के उठाव पर रोक लगा देगा यह रोक 15 अक्टूबर तक जारी रहेगी इसके बाद ही बालू की निकासी हो पाएगी।