डाड़ी प्रखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का शुरुर धीरे धीरे प्रत्याशियों पर चढ़ने लगा,तीसरे चरण में है चुनाव
इस बार आरक्षण(ओबीसी)का नहीं होने के कारण सामान्य कोटी की सीटें बढ़ी
पिछले चुनाव की तुलना में 9361मतदाता बढ़े
विजय सिन्हा
गिद्दी: डाड़ी प्रखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 24मई को तीसरे चरण में होगा. परन्तु संभावित उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी को जीत में तब्दील करने के लिए नए नए समीकरण बनाने में जुटे हुए हैं, ताकि उनकी जीत सुनिश्चित हो सके. डाड़ी प्रखंड में पिछली चुनाव के वनिस्पत 9361 मतदाता इसबार बढ़े हैं.जिससे मतदाताओं की संख्या कुल मिलाकर 58677 हो गयी है.जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 30902 है जबकि महिला मतदाता 27775 है. जो प्रखंड के 14पंचायतों में 14 मुखिया 16 पंसस और 155 वार्ड सदस्य के भाग्य के निर्णायक की भूमिका निभाएंगे. साथ ही दो जिला पार्षद के भाग्य विधाता भी वही मतदाता होंगे.सरकार द्वारा पिछड़े वर्गों को आरक्षण नहीं देने के कारण सामान्य वर्ग को इस बार फायदा मिला है. डाड़ी प्रखंड के तमाम बूथों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील कोटि में रखा गया है. प्रखंड में तीसरे चरण में मतदान होने की स्थिति में आगामी 24 मई को चुनाव 155मतदान केंद्रों पर कराया जाएगा.इस बार डाड़ी प्रखंड में पांच मतदान केंद्र भवन को बदल दिए गए हैं.बदले गए भवन में पंचायत भवन चैनपुर को सचिवालय होन्हेमोढ़ा में,कनकी सामुदायिक भवन को सचिवालय कनकी में, अखडा टोला में सरकारी भवन होसिर से टेकलालमहतो स्मृति भवन, महतो टोला में, नवप्राथमिक विद्यालय कुमारबांध हेसालौंग से पंचायत सचिवालय में,जबकि सीसीएल क्लब गिद्दी सी से मध्य विद्यालय गिद्दी सी में किया गया है. प्रखंड में गिद्दी क, गिद्दी ख और गिद्दी ग, रेलीगढ़ा पूर्वी एवं रेलीगढ़ा पश्चिमी, टोंगी, हेसालौंग, कनकी, डाड़ी, मिश्राइन मोढ़ा, रबोध, हुवाग, बलसगरा और होन्हेमोढ़ा में कुल 14पंचायत हैं. डाड़ी प्रखंड को दो भागों में विभक्त करते हुए डाड़ी भाग1में जिला पार्षद के लिए सामान्य पुरुष कोटि के लिए और डाड़ी भाग 2को इस बार सामान्य महिला के लिए सीट आरक्षित कर दिया गया है.जबकि पिछली बार डाड़ी भाग1 पुरुष के लिए था.इस बदलाव से पिछले निवर्तमान पार्षद लखनलाल महतो थोड़े निराश नजर आ रहे हैं. बताते चलें कि इस बार जिला पार्षद को भी अपने क्षेत्र के विकास के लिए लाखो रूपये मिलने वाले हैं.ईटा ही नहीं पंसस को इस दफा अपने क्षेत्र के विकास के लिए राशि उपलब्ध कराई जाएगी.जिससे इस बार जिला पार्षद और पंसस के चुनाव में भी भारी सरगर्मी देखि जाएगी. चुनाव के घोषणा के उपरांत मुखिया के तमाम पॉवर को सीज कर दिया गया है.मुखिया को 15वें वित्त योजना में तकरीबन एक करोड़ रुपया विकास कार्य के लिए उपलब्ध कराए गए थें. मुखिया का पॉवर सीज होने के बाद पंचायत में चल रहे विकास के कार्य जो आधे अधूरे पड़े हैं पूरी तरह से ठप्प हो गए हैं.उक्त कार्यों के लिए ईंटा बालू आदि अभिकर्ता के द्वारा गिराए गए थें.उनका पूरा पैसा तो फंस गया.अपने पैसे की मांग कई लोग अभिकर्ता से कर रहे हैं और अपनी दुःख भरी दास्तान सुना रहे हैं.बहरहाल उनके काम का क्या होगा जिनकि राशि फंस गयी है.खुदा ंखासते जिस मुखिया के द्वारा उक्त कार्य कराया जा रहा था वे चुनाव में हार गए तो? वैसे इस बार का चुनाव देखते ही बनेगा.अभी से सब अपनी जित का परचम लहराने के लिए जुगत भिंड़ा रहे हैं.