खूंखार नक्सली मनीष यादव पुलिस मुठभेड़ में ढेर
लातेहार: झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के कांबिंग ऑपरेशन के नक्सलियों का सफाया किया जा रहा है। बीते 24 मई को अहले सुबह JJMP सुप्रीमो पप्पू लोहरा और प्रभात लोहरा को मार गिराने के बाद बीती देर रात सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच फिर से मुठभेड़ हुई। यह एनकाउंटर सोमवार सुबह तक महुआडांड़ थाना क्षेत्र के दौना और करमखाड़ गांव के बीच हुआ। इस एनकाउंटर में जाबांजों ने खूंखार नक्सली मनीष यादव को मार गिराया। मनीष यादव पांच लाख रुपये का इनामी नक्सली था। वहीं, एनकाउंटर के दरम्यान भाग रहे 10 लाख रुपये के इनामी नक्सली कुंदन खरवार को दबोच लिया गया। हथियार भी बरामद किये गये हैं। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
खूंखार मनीष यादव के खात्मे के साथ ही माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर बूढ़ा पहाड़ में बिहार का लीडरशिप खत्म हो गया। मनीष यादव बिहार के गयाजी के छकरबंधा का रहने वाला था। बूढ़ा पहाड़ में मनीष यादव बिहार के इलाके का आखिरी टॉप कमांडर था। मनीष यादव लातेहार, पलामू, गढ़वा, चतरा, बिहार के गया और औरंगाबाद में 50 से अधिक नक्सली हमलों को अंजाम दे चुका है। मनीष यादव पहले बिहार के इलाके में एक्टिव था। बाद में वह बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों के दस्ते का सदस्य बन गया। धीरे-धीरे वह टॉप कमांडर बन गये। मनीष यादव चर्चित कटिया मुठभेड़ का भी आरोपी था। कटिया मुठभेड़ में ही CRPF जवान के पेट में बम प्लांट किया गया था और 13 जवान शहीद हुए थे। साल 2018-19 में गढ़वा के पोलपोल में नक्सली हमले में छह जवान शहीद हुए थे। इस घटना का भी मुख्य आरोपी मनीष यादव था।
खूंखार इनामी नक्सली मनीष यादव कभी एक करोड़ के इनामी देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद का बॉडीगार्ड हुआ करता था। अरविंद के साथ वह एक-47 लिए घूमता था। उसकी एक तस्वीर भी वायरल हुई थी। साल 2018 में बीमारी के चलते अरविंद की मौत हो गई थी। अरविंद की मौत के बाद मनीष यादव बूढ़ा पहाड़ इलाके में एक्टिव हो गया और बाद में वह सबजोनल कमांडर बन गया था।

