मारवाड़ी कॉलेज के स्टूडेंट्स ने जाना साइबर सुरक्षा का महत्व
रांची: महिला सशक्तिकरण को ध्यान रखते परिवर्तन संस्था द्वारा बुधवार को “श्रीशक्ति” कार्यक्रम का आयोजन मारवाड़ी कॉलेज में किया गया। “श्री शक्ति: जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम” के पहले विशेषकर गर्ल्स स्टूडेंट्स को लीगल राइट्स सत्र के जरिये महिलाओं और नागरिकों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी गयी। इसके अलावा साइबर सुरक्षा जागरूकता, ऑनलाइन धोखाधड़ी एवं साइबर अपराधों से बचाव के उपाय, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी सत्र के जरिए भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। उपस्थित एक्सपर्ट्स के द्वारा स्टूडेंट्स के कई सवालों का निराकरण भी किया गया। मौके पर अतिथि के तौर पर रांची एसडीएम उत्कर्ष कुमार, सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आदित्य पांडेय, मारवाड़ी कॉलेज प्राचार्य डॉ मनोज कुमार, डीएसओ शिवेंद्र कुमार सिंह, डोरंडा थाना प्रभारी दीपिका प्रसाद, डॉ. विनय भरत सहायक प्रोफेसर (विभागाध्यक्ष), डॉ सरिता लकड़ा (एसपीओ टीआरआईएफ, रांची स्वास्थ्य और स्वच्छता चिकित्सा), निखार बरनवाल (सहायक लोक अभियोजक, गृह कारा एवं आपदा विभाग), पंकज कुमार सिंह (साइबर सुरक्षा, रांची), मनीष मिश्रा (पुलिस कराटे कोच रांची), डॉ एसपी महतो (प्रोफेसर प्रभारी, मारवाड़ी कॉलेज रांची) राष्ट्रीय सेवा योजना पदाधिकारी अनुभव चक्रवर्ती एवं परिवर्तन सचिव श्रेया तिवारी और उनकी टीम भी मौजूद थी।
उद्घाटन सत्र के दौरान एसडीएम उत्कर्ष कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण एक दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। महिलाओं का स्वास्थ्य उनके सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। कई तरीके ऐसे हैं जिनसे महिला सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य को और मजबूत किया जा सकता है। महिलाओं को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना और महिलाओं को उनके स्वास्थ्य, अधिकारों और सेवाओं के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
साइबर सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। साइबर सुरक्षा महिलाओं को ऑनलाइन सुरक्षित रखने और उनके डिजिटल अधिकारों की रक्षा करने में मदद कर सकती है।
डॉ मनोज कुमार पांडेय ने मौके पर कहा कि महिलाओं को ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में जागरूक करना चाहिए ताकि वे अपने डिजिटल जीवन को सुरक्षित रख सकें। महिलाओं को पासवर्ड और डेटा सुरक्षा के बारे में भी शिक्षित करना होगा ताकि वे अपने खातों को ऑनलाइन सुरक्षित रख सकें। महिलाओं को ऑनलाइन उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने के लिए सशक्त बनाना भी जरूरी है ताकि वे अपने डिजिटल अधिकारों की रक्षा कर सकें। ऐसे में डिजिटल साक्षरता का खास महत्व है।
डोरंडा थाना प्रभारी ने जानकारी देते कहा कि साइबर सुरक्षा महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें ऑनलाइन अपनी जानकारियों को सुरक्षित रखने और उनके डिजिटल अधिकारों की रक्षा करने में मदद कर सकता है। नंबर 1930 साइबर सुरक्षा नंबर पर संपर्क करके जानकारी ली सकती है। अब 6 और 7 मार्च को अलग अलग प्रशिक्षण सत्र के जरिए स्वरक्षा (सेल्फ डिफें), साइबर सुरक्षा, कानूनी जागरूकता के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के बाद प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं उपहार भी वितरित किये जायेंगे। इसके अलावा परिवर्तन संस्था द्वारा छात्राओं को दो दिनों तक कराटे का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा।

