रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन आरकेडीएफ विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन

रांची: नमकुम स्थित आरकेडीएफ विश्वविद्यालय आईसीएआर में गुरुवार को प्रथम दीक्षांत समारोह बड़े ही भव्य और गरिमामयी तरीके से आयोजित किया गया।
दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के सत्र : 2019-2023 में विभिन्न संकाय में उत्तीर्ण 50 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से नवाजा गया। जबकि स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल 1061 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई।
प्रथम दीक्षांत समारोह में श्री संजय चतुर्वेदी को उनके उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन आरकेडीएफ विश्वविद्यालय रांची द्वारा मानव दर्शनशास्त्र में मानद उपाधि से अलंकृत किया गया ।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) प्रवीन चंद्र त्रिवेदी, पाँच राज्य विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपति, ने अपने प्रेरक शब्दों से छात्रों का मनोबल बढ़ाया और छात्रों को सामाजिक सेवा एवं नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी।
दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. आशीष गौतम (भैया), अध्यक्ष, दिव्य प्रेम मिशन, हरिद्वार, (उत्तराखंड) और संत शिरोमणि प्रदीप कौशिकजी महाराज, देवघर (झारखंड) उपस्थित रहे।
डॉ. बी. एन. सिंह, निदेशक, प्रबंधन, आरकेडीएफ विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश, एवम् डॉ. ज्योति कुमार, सलाहकार भी प्रथम दीक्षांत समारोह में उपस्थित रहे और छात्रों को उनके भविष्य की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दी ।
डॉ. शुचितांग्शु चटर्जी, कुलपति, आरकेडीएफ विश्वविद्यालय, रांची, ने इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए उपाधियां प्रदान कीं। उन्होंने छात्रों को सफलता के पथ पर आगे बढ़ने और अपने परिवार, समाज, विश्वविद्यालय एवम् देश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया। कुलपति ने इस आयोजन को विश्वविद्यालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि यह समारोह छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए गर्व का क्षण है और एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
डॉ. अमित कुमार पांडे, कुलसचिव, आरकेडीएफ विश्वविद्यालय, रांची, ने प्रथम दीक्षांत समारोह में उपस्थित कुलाधिपति, कुलपति, मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया एवम् उन्होंने प्रथम दीक्षांत समारोह को सफलतापूर्वक आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिष्ठित अतिथियों, विश्वविद्यालय के अधिकारियों और बड़ी संख्या में छात्रों, अभिभावकों ने भाग लिया। यह ऐतिहासिक आयोजन विश्वविद्यालय के भविष्य के विकास और शैक्षणिक उपलब्धियों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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