झारखंड को बंगाल बनाने की भूल नहीं करें झामुमो: डॉ रविंद्र राय
ranchi :भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रविंद्र राय ने 26 नवंबर को प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव को बहुत ही सहज ढंग से लेती है। पार्टी की पांच निष्ठा है, उसमें दूसरी सबसे महत्वपूर्ण निष्ठा लोकतंत्र है। इसलिए जब झारखंड के विधानसभा चुनाव परिणाम आया था, तब सहज ढंग से उसे परिणाम को स्वीकार किया था। उसके अनुसार पार्टी की भूमिका को आगे तय करने का ऐलान भी किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी नहीं चाहती है कि लोकतंत्र में टकराहट हो सकारात्मक सहयोग की भूमिका विपक्ष और सत्ता पक्ष से भी महसूस करते हैं यह होना चाहिए महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की दो तिहाई बहुमत से सरकार बन रही है। पूरे देश के लोग महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम से अचंभित है। हालांकि वहां सहज ढंग से सामाजिक जीवन चल रहा है। दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के समर्थक चुनाव परिणाम आने के बाद अहंकार में चूर हो गए हैं और लोकतंत्र को कलंकित करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों से खुशी के माहौल में दूसरे को अपमानित किया जा रहा है। भाजपा इंतजार में थी यह थम जाएगा, लेकिन लगातार झारखंड मुक्ति मोर्चा और उनके सहयोगी दलों के लोग प्रदेश में अलग-अलग जगह पर अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
डॉ राय ने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट मैं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने अच्छे ढंग से चुनाव लड़ा। करीब 60 हजार से अधिक वोट भी प्राप्त किया। वहां कई मुस्लिम परिवार के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में काम किया झंडा बांधा। उनके घरों में हमले किए गए। उन्हें भयभीत करने का काम किया गया। अराजकता पैदा करने की कोशिश हर जगह हो रही है। इसके मद्देनजर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज बरहेट का दौरा किया। इस तरह की घटना पाकुड़ में भी घटी है। राजमहल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं को भयभीत करने और सामाजिक उत्पीड़न देने का काम किया जा रहा है। मारपीट की घटनाएं घट रही है। बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में जीते झामुमो उम्मीदवार के समर्थक पिछले तीन दिनों से लगातार चाकुलिया, बहरागोड़ा में उत्पात मचा रहे हैं। भाजपा सांसद के कहने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सका है।
कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि बहरागोड़ा के नवनिर्वाचित विधायक समीर मोहंती का भतीजा राकेश मोहंती और उड़ीसा में रहने वाला उनका भांजा अविनाश पटनायक जगह-जगह पर अपने साथ आपराधिक तत्वों को लेकर उपद्रव करने का काम कर रहे हैं। मनोज पाल की टीवी को तोड़ दिया। उसके साथ मारपीट की गई। कई लोगों ने पुलिस को सूचना भी दी। चाकुलिया के भाजपा कार्यकर्ता शंभू नाथ मल्लिक, मनोज अग्रवाल के घर में जाकर परिवार को अपमानित करने की कोशिश की गई। सुशील शर्मा के साथ भी अभद्र व्यवहार किया।
डॉ राय ने कहा कि सीता सोरेन चुनाव की गणना के बाद जब निकली, तब उनके कार्यकर्ताओं द्वारा अभद्र शब्द का प्रयोग किया गया। जामताड़ा में उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का काम किया गया। चुनाव के समय भी उनके खिलाफ गंदे शब्दों का प्रयोग किया गया था। जामताड़ा में हिंदू समाज के परिवार की शादी हो रही थी, वहां जुलूस निकालने वाले मुसलमान लोगों ने शादी में घुसकर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। वहां थानेदार को माफी मांगनी पड़ी। चाहे राजमहल हो, पाकुड़ हो, जामताड़ा हो या मधुपुर हो। जहां-जहां अल्पसंख्यक समाज की बहुलता है, वहां समाज में तनाव पैदा करने का काम वे कर रहे हैं।
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दो दिनों से लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी, प्रत्याशी, सत्र छोड़कर सांसद शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को झारखंड में कमजोर समझने की गुस्ताखी इंडी गठबंधन के लोग नहीं करें। भाजपा ने यहां सरकार भी चलाई है और विपक्ष की भूमिका भी निभाई है। शांति स्थापित करने का काम किया है हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोगों की संताल परगना में पुरानी आदत है। वह घरों में जाकर भयभीत करने की कोशिश करते हैं। हारेंगे तो हूरेंगे, जीतेंगे तो थूरेंगे। अब सशक्त रूप से समाज के सभी वर्गों के लोग उठ खड़े हुए हैं। झारखंड को बंगाल बनाने की भूल झारखंड मुक्ति मोर्चा नहीं करें। यहां पर राजनीतिक दब्बूपन किसी में नहीं है। भाजपा ने परिणाम को सहजता से स्वीकार किया है। सरकार बनाने के मौके पर उन्हें शुभकामनाएं दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा का कार्यकर्ता चूड़ी पहन कर बैठा है। उत्पात मचाकर वे भय पैदा करना चाह रहे हैं। उन लोगों को नजर रखें। उन लोगों को नियंत्रण में लाएं। जगह-जगह थाने में कंप्लेन हुआ है। इस पर वे केस नहीं कर रहे हैं। कह रहे हैं कि समझाने बुझाने का काम कर रहे हैं। या तो प्रशासन ऐसे राजनीतिक उपद्रवी के ऊपर नियंत्रण स्थापित करें। इस तरह की घटना घटनाएं कभी भी अप्रिय हो सकती है। क्योंकि बर्दाश्त करने की एक सीमा होती है। भाजपा के कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतरने की मजबूरी नहीं हो जाए। प्रशासन की संवैधानिक व्यवस्था रहनी चाहिए।
उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी से मांग की कि चुनाव से जुड़े कोई भी मामले में प्रदेश में कहीं कोई घटना होती है तो उसे तुरंत नियंत्रित किया जाए। इस विषय पर कड़े निर्देश दिए जाने चाहिए अन्यथा अप्रिय घटनाएं होने की आशंका है। ऐसी घटनाओं पर नियंत्रित नहीं होने पर जनता मजबूर होकर सड़क पर उतरेगी। भाजपा यह नहीं चाहती है कि झारखंड में यह स्थिति उत्पन्न हो। कई बार झारखंड में सत्ता का परिवर्तन हुआ है, लेकिन किसी को अपमानित, प्रताड़ित करने और मारपीट करना उचित नहीं है। अब तो विकास के कार्य को बाधित करने के लिए जगह-जगह नक्सली भी अपना करतूत दिखाने लगे हैं। लातेहार में कई डंपर और मशीन को उन्होंने आग हवाले कर दिया। अलग-अलग जगह पर इस तरह की घटनाएं बढ़ गई है। बालू उठाने के नाम पर पूर्वी सिंहभूम में दो लोगों की हत्या कर दी गई। वे पीएलएफआई के उग्रवादी हैं। एक तरफ राजनीतिक आतंक और दूसरी तरफ अपराधी। सरकार गठन के पहले ही झारखंड को यह संदेश जा रहा है कि आने वाली जो सरकार है, उसमें जान माल की सुरक्षा का अभाव रहेगा। लोगों की जान माल की सुरक्षा की चिंता शायद प्रशासन ना कर सके तो स्वयं करना होगा। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा। आज संविधान दिवस के अवसर पर फिर से अपील करना चाहूंगा कि झारखंड के प्रशासनिक अधिकारी चुनाव के बाद कानून व्यवस्था पर प्रश्न उठा है और लोकतंत्र को कलंकित करने की कार्रवाई झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस द्वारा हो रहा है, इस पर तुरंत रोक लगाए, ताकि किसी भी राजनीतिक प्रतिशोध में सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं पड़े। सत्ता का परिवर्तन सहज और स्वाभाविक तरीके से होना चाहिए। स्वाभाविक प्रकृति को तोड़ने का काम करने पर इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की होगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और प्रदेश प्रवक्ता रमाकांत महतो भी मौजूद थे।