16 सीटें जीतने के बाद भी टेंशन में क्यों है कांग्रेस…

रांची: विधानसभा चुनाव में 16 सीटें जीतने के बाद भी कांग्रेस के नेता टेंशन में ही हैं। हेमंत सोरेन सरकार-2 में कांग्रेस किंग मेकर की भूमिका में नहीं आ पाई। इस सरकार में भी कांग्रेस को मात्र चार मंत्री पद से ही संतुष्ट करना पड़ेगा। वह भी अपने मन मुताबिक मंत्रालय नहीं मिलेगा। इसबार राजद भी चार सीटें लाकर मजबूत स्थिति में हैं। सीपीआई माले सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला लिया है। यानी की हेमंत सोरेन की सरकार में कांग्रेस और राजद कोटे से भी मंत्री बनेंगे। राजद कोटे से एक मंत्री बनना है और वह नाम देवघर से विधायक सुरेश पासवान का नाम तय माना जा रहा है। सुरेश पासवान को राजद विधायक दल का नेता चुना गया है। गठबंधन में सबसे अधिक विधायकों की संख्या झामुमो के पास है। झामुमो चाहे तो बगैर कांग्रेस के सरकार बना सकती है। लेकिन हेमंत सोरेन ऐसा नहीं करेंगे। यानी पूर्व में जो कांग्रेस को सम्मान दिया गया था,वहीं अगली सरकार में मिलने वाला है। गठबंधन में सबसे अधिक कांग्रेस के विधायक टेंशन में हैं। विधायक दल की बैठक होने के बाद भी विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं हो पाया है। इसके अलावा
कांग्रेस के 16 विधायकों में मंत्री बनने की होड सभी को है। लेकिन बर्थ मात्र चार ही है। ऐसे में अगली सरकार में नए चेहरे को शामिल किया जा सकता है। क्योंकि पूर्व की सरकार में भी मंत्री पद के लिए कई विधायक दिल्ली तक कैंप किए हुए थे। उसके बाद बादल पत्रलेख को हटाकर दीपिका सिंह पांडेय को मंत्री बनाया गया था। लेकिन इस बार कांग्रेस के विधायक पूर्व के सभी चारों को चेंज करने की मंशा शीर्ष नेतृत्व के सामने कर चुके हैं। माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार-2 में कांग्रेस कोटे से चारों नए चेहरे होंगे। जानकारों की मानें तो पोड़ैयाहाट विधानसभा क्षेत्र से प्रदीप यादव का नाम सामने आ रहा है। इसके अलावा मनिका से कांग्रेस विधायक रामचंद्र सिंह,पाकुड़ से निसात आलम, धनबाद रागिनी सिंह और खिजरी से राजेश कच्छप का नाम मंत्री के रूप में आ रहा है।

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