बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखंड के विरासत की रक्षा के लिए एकजुट हों झारखंडवासी ; दूबे
धनबाद: भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दुबे ने हीरापुर धनबाद में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और झारखंड के लोगों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर आलोक दूबे ने बिरसा मुंडा के विचारों को याद करते हुए कहा, “संघर्ष से ही जीत होती है, समर्पण से नहीं।” श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में धनबाद जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता मो जिन्ना,संजीत यादव, अभिषेक साहू, विशाल सिंह, अनिकेत कुमार,पप्पू पासवान शामिल थे।
आलोक दूबे ने वर्तमान परिदृश्य पर बोलते हुए कहा कि आज झारखंड 24 वर्ष का हो गया है, लेकिन आज भी राज्य के युवाओं को बिरसा मुंडा की तरह संघर्ष और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है। उन्होंने झारखंड की सत्ता पर काबिज होने के लिए एनडीए सरकार के “बटेंगे तो कटेंगे” जैसे नारों की आलोचना की, जो राज्य में नफरत और विभाजन की भावना फैला रहे हैं। दूबे ने कहा कि अब ऐसे नेताओं और उनकी ओछी राजनीति को झारखंड से बाहर का रास्ता दिखाने की जरूरत है, और यह बदलाव तभी संभव है जब अजय दुबे जैसे नेता विधानसभा में आएं और राज्य को नई दिशा दें।
आलोक दूबे ने राज्य में बीजेपी के 15 साल एवं साथ ही साथ डबल इंजन के शासन पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में झारखंड के लोगों को केवल बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और टूटी हुई योजनाएं मिली हैं। दूबे ने कहा कि झारखंड में अकूत खनिज संपदा होने के बावजूद राज्य की यह दुर्दशा बीजेपी की असफल योजनाओं का परिणाम है। “किसान, युवा, व्यापारी—सभी सड़क पर विरोध में हैं। बीजेपी को खुद नहीं पता कि वह क्या चाहती है। झारखंड को नई सोच और सशक्त नेतृत्व की जरूरत है, जो केवल इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में संभव है।”
कांग्रेस महासचिव ने कहा अजय दूबे जैसे नेतृत्व के साथ ही धनबाद का विकास और झारखंड का कायाकल्प संभव है।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री आलोक कुमार दूबे ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती एवं झारखंड राज्य स्थापना दिवस पर समस्त झारखंड वासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का बलिदान और उनके अदम्य साहस का स्मरण हमें अपने अधिकारों की रक्षा और अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखाता है। उनका संघर्ष और समर्पण हमारी प्रेरणा है, और उनके दिखाए मार्ग पर चलना हमारा कर्तव्य है।
उन्होंने झारखंड के उज्ज्वल भविष्य और आदिवासी अस्मिता को सशक्त बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्य का निर्माण जन संघर्षों, बलिदानों और जन आंदोलन की बदौलत हुआ था। लेकिन आज झारखंड की पहचान, संस्कृति, और संसाधनों को बाजारू राजनीति व कॉरपोरेट हितों के हवाले किया जा रहा है।
बीजेपी ने झारखंड के लोगों के अधिकारों और संसाधनों पर हमले किए हैं। वन अधिकार, रोजगार, और शिक्षा जैसे मुद्दों को दरकिनार कर, राज्य को लूटने और झारखण्डी अस्मिता को खत्म करने की साजिशें रची जा रही हैं।
झारखंड के जल, जंगल और जमीन की रक्षा का वादा करने वाले आज उन्हीं को बेचने में लगे हैं। विकास के नाम पर आदिवासी समुदायों को विस्थापित किया जा रहा है, और झारखंड की मूल आत्मा को मिटाने की कोशिश हो रही है।
इस अवसर पर उन्होंने समस्त झारखंड वासियों से आह्वान किया कि झारखंड के असली हकदारों और उनकी विरासत की रक्षा के लिए एकजुट हों। यह हमारी धरती, हमारी संस्कृति, और हमारे भविष्य का सवाल है।