धनतेरस 29 अक्टूबर को,शुभ मुहूर्त प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट बजे तक

रांची:विश्व हिंदू परिषद सेवा विभाग एवं राष्ट्रीय सनातन एकता मंच के प्रांतीय प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा है कि इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। धनतेरस का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट बजे तक रहेगा। धनतेरस के देवता धन्वंतरि है। तथा धन्वंतरी भगवान विष्णु के तेरहवें अवतार है। धनतेरस के त्योहार का मुख्य संबंध यमराज की आराधना से है आयुर्वेद के प्रवर्तक धनवंतरी की जयंती भी इसी दिन होती है। एक तरफ वैद्य समाज धनवंतरी की पूजन कर सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता है तो गृहस्थ दीप जलाकर यमराज से अकाल मृत्यु टालने की प्रार्थना करते हैं। दीपावली भले ही एक दिन मनाई जाती है लेकिन यह पर्व 5 दोनों का होता है यानी धनतेरस से यम द्वितीया तक, शास्त्रों में इन पांच दिनों को यम पंचक कहा जाता है। इन पांच दिनों में यमराज, वैद्यराज धनवंतरि, लक्ष्मी- गणेश, हनुमान जी, मां काली और भगवान चित्रगुप्त की पूजा का विशेष विधान है। धनतेरस का त्योहार दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार खुशहाली समृद्धि और सेहतमंद जीवन का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस जिसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस का नाम धन और तेरस से बना है जिसमें धन का मतलब संपत्ति और समृद्धि है और तेरस का अर्थ हिंदू कैलेंडर की 13वीं तिथि है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ ही यह दिन कुबेर और लक्ष्मी माता की पूजा के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार समुद्र-मंथन से जो चौदह रत्न प्रकट हुए उनमें आरोग्य के देवता धन्वंतरि के अलावा धन-समृद्धि की देवी लक्ष्मी प्रमुख हैं। पांच दिवसीय ज्योति पर्व का प्रथम दिन धनत्रयोदशी या धनतेरस भी दीपावली की तरह समृद्धि की कामना को समर्पित रहता है । इसी दिन से लक्ष्मीजी का आवाह्न शुरु हो जाता है।और शाम को 5 (कुछ लोग तेरस होने के कारण 13 दीये जलाते हैं) नये मिट्टी के दीपकों में तेल भर कर उन्हें प्रकाशित कर खील से पूजा जाता है । फिर एक दीपक आंगन में, एक रसोई में, एक तिजोरी के पास, एक तुलसी में और एक मुख्य द्वार पर रखा जाता है। बहुत लोग धनतेरस को ही लक्ष्मीजी की पूजा कर लेते हैं।
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन, गहने या अन्य कीमती सामान खरीदने का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन जो भी चीज खरीदी जाती है। उस घर में समृद्धि और धन का आगमन करती है। लोग इस दिन नए वाहन संपत्ति या अन्य महत्वपूर्ण चीजों की भी खरीदारी करते हैं। इसके साथ ही आज के समय में इलेक्ट्रॉनिक्स और नए उपकरण धनतेरस पर खरीदना शुभ माना जाता है।

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