झामुमो की सरकार बाबा साहब अंबेडकर के सपनों की हत्या कर रही है : लाल सिंह आर्या

रांची :भाजपा प्रदेश कार्यालय में अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्या ने 6 अक्टूबर को प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुख्यमंत्री, इंडी गठबंधन के नेता संविधान की किताब दिखाते हुए हर सभा में बोलते थे कि मोदी जी और भाजपा को 400 सीट दे दी तो वे संविधान बदल देंगे। आरक्षण खत्म कर देंगे। कांग्रेस और इंडी गठबंधन संविधान और आरक्षण की रक्षा करेगी। राहुल गांधी ने ऐसा कर दलित, आदिवासी, पिछड़ों को भड़काकर कुछ प्रतिशत वोट हासिल करने का काम कर लिया। वोट लेने के बाद जैसे ही वे अमेरिका गए, वहां उन्होंने पत्रकार से बातचीत में कहा कि अगर भारत में हम ताकत में आ गए तो आरक्षण खत्म कर देंगे। कांग्रेस का यह दोहरा चरित्र है। लोकसभा चुनाव में वोट हासिल करने से पहले दूसरा चरित्र था और लोकसभा चुनाव के बाद उनका दूसरा चेहरा सामने आया। आम जनता कहती है कि राहुल गांधी बड़ी झूठ की मशीन है। यह उन्होंने अपने चरित्र से भी सिद्ध किया है।

उन्होंने कहा कि केवल राहुल गांधी आरक्षण खत्म करने की बात नहीं करते हैं बल्कि 1961 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश के सभी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि हम आरक्षण का पक्ष में नहीं हैं। आरक्षण से आयोग और दोयम दर्जे को लोग पैदा होते हैं। उन्होंने आरक्षण के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए काका कालेलकर की कमेटी पंडित नेहरू ने बनाई थी। आरक्षण देने के लिए जब रिपोर्ट आई, तब उन्होंने उसको खारिज कर दिया। इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग बनाया, लेकिन मंडल आयोग की सिफारिश को कचरे में डाल दिया।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने तो यहां तक कहा कि आरक्षण से बुद्धू पैदा होते हैं। पिछड़ा वर्ग को एससी, एसटी को आरक्षण की जरूरत नहीं है, बल्कि मुस्लिम लोगों को आरक्षण की जरूरत है। अब इसी आरक्षण को खत्म करने की बात राहुल गांधी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि राहुल गांधी, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी, पंडित नेहरू यानी पूरी की पूरी कांग्रेस आरक्षण की विरोधी है। संविधान की भी विरोधी है।

उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन झारखंड के चुनाव में भी कहीं ना कहीं झूठ बोलने का काम करेगी। षड्यंत्र करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में जिस प्रकार से झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने कहा कि हम पांच लाख नौजवानों को रोजगार देंगे, लेकिन 5 साल बीतने जा रहे हैं 1 लाख लोगों को भी उन्होंने रोजगार नहीं दिया। इसका मतलब है कि इंडी गठबंधन के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा भी नौजवानों के वोट लेकर उनकी पीठ पर रोजगार मांगने के बाद लाठियां चल। इतना ही नहीं झारखंड में अनुसूचित जनजाति को जाति प्रमाण पत्र चाहिए नौकरी और रोजगार के लिए चाहिए। प्रमाण पत्र भी झामुमो की सरकार नहीं बनाती है। भारतीय जनता पार्टी और एससी मोर्चा के अध्यक्ष प्रतिपक्ष के नेता हैं। उन्हें झारखंड में जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए जिलों में आंदोलन करना पड़ता है, लेकिन झामुमो की सरकार प्रमाण पत्र नहीं बनती है। ताकत के बल पर, सरकार के संरक्षण और डरा धमकाकर अनुसूचित जाति के लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उनकी जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। गांव से मारकर भगाया भी जा रहा है। पिछले दिनों इस तरह की कई घटना प्रकाश में आई है।

उन्होंने कहा कि सूरज प्रधान को जला दिया जाता है, लेकिन सरकार मौन रहती है। लोहरदगा में राम को चाहने वालों को सरेआम मार दिया जाता है। बच्चे बहनों की रामगढ़ में हत्या कर दी जाती है। भूख से मौत होने पर भी सरकार का कोई भी मंत्री अधिकारी वहां नहीं जाते हैं। सरकार संवेदनहीन हो गई है। जामताड़ा में जमीन पर कब्जा किया। बैलगाड़ी से लोग भागे। अमर बाउरी अपनी बात कहने दिल्ली एससी आयोग में गए हैं। मोर्चा के माध्यम से भी यह बात रखी गई थी। इसके बाद प्रशासन डरा और उनको वापस लाना पड़ा। लेकिन कहीं न कहीं बड़ा धर्म परिवर्तन उनके गांव में हुआ है। 5 साल में एक भी दलित मंत्री नहीं बनाना और भारतीय जनता पार्टी और मोर्चा जब इस बात को उठाते हैं आंदोलन करते हैं तो वोट हासिल करने के लिए तीन-चार महीने पहले दलित समाज के एक विधायक को चार-पांच महीने पहले एक दलित समाज का मंत्री बनाते हैं। एससी आयोग का गठन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कराया था, लेकिन भाजपा की सरकार जाने के बाद झामुमो की 5 साल की सरकार हो गई। अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा करने वाले, न्याय दिलाने की चिंता करने वाले आयोग में झामुमो ने अभी तक नियुक्ति नहीं की है। रांची के महापौर की सीट आरक्षित हो गई, लेकिन बेईमानी करके उसे आरक्षित सीट को बदलने का काम झामुमो की सरकार ने किया है। इसके साथ ही घांसी परिवार के दो लोगों की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई, लेकिन मुख्यमंत्री को जाने की फुर्सत नहीं मिली। कोई मंत्री नहीं गया। इससे यह सिद्ध होता है कि झामुमो की सरकार बाबा साहब अंबेडकर के सपनों की हत्या कर रही है। यह झूठ बोलने वाली मशीन है। दलितों पर अत्याचार करने वालों को संरक्षण देने वाली सरकार है। झामुमो की सरकार धर्म परिवर्तन कराने वालों के साथ खड़ी है। दलितों का हक मारने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ भी खड़ी है। डॉ अंबेडकर द्वारा संविधान में दिए गए अधिकार को छीनने वाली झामुमो की सरकार है। इसलिए इस झारखंड की सरकार को जेएमएम की सरकार को हर कीमत पर हम इस जमीन से उखाड़ कर फेंकेंगे। दलितों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे। भाजपा की सरकार बनने के बाद उनके छीने अधिकार को देने की भी गारंटी लेंगे। उनकी सुरक्षा, उनका सम्मान, उनके अधिकार वापस मिले, यह भारतीय जनता पार्टी चिंता करेंगी।

उन्होंने कहा कि चौकीदार की बहाली में झामुमो की सरकार ने अनुसूचित जाति के आरक्षण को शून्य कर दिया है। यह समाज का एक अंग है। इस चौकीदारों के पेट पर लात मारने का काम भी इस जेएनएम की सरकार ने किया है। इसका मतलब है कि गरीब विरोधी भी सरकार है।

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