अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देशों में दर्जनों मन्दिर बनाने वाली कंपनी ने विराट रामायण मन्दिर में दिखाई दिलचस्पी
अनूप कुमार सिंह।
पटना।अमेरिका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड समेत कई देशों में दर्जनों मंदिर का निर्माण व डिजाइन कर चुकी त्रिवेदी काॅर्प ने विराट रामायण मन्दिर में दिलचस्पी दिखायी है। गुजरात की यह प्रतिष्ठित कंपनी वर्ष 1930 से मंदिरों के निर्माण, डिजाइन और उसकी कलाकृति पर काम कर रही है। सीएमडी किरण भाई त्रिवेदी के नेतृत्व में कंपनी की टीम ने रविवार को पूर्वी चंपारण के कैथवलिया स्थित निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर का दौरा किया। सोमवार को कंपनी के अधिकारियों के दल ने विराट रामायण मन्दिर निर्माण समिति के उच्च पदाधिकारियों के साथ बैठक की। महावीर मन्दिर न्यास द्वारा संचालित महावीर वात्सल्य अस्पताल सभागार में कंपनी ने एक तकनीकी प्रजेंटेशन भी दिया। बैठक के बाद विराट् रामायण मन्दिर का निर्माण करा रहे महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मार्च में विराट रामायण मन्दिर के 3200 पाइल का काम पूरा होने के बाद ऊपरी संरचना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। चार मंजिला मुख्य संरचना के निर्माण के बाद तीसरे चरण में मन्दिर की फीनिशिंग होनी है। इसमें उच्च गुणवत्ता के आकर्षक मार्बल और ग्रेनाइट का उपयोग किया जाना है। इसी संदर्भ में बड़े मंदिरों की फीनिशिंग और कलात्मक डिजाइन में विशेषज्ञता रखने वाली गुजरात की कंपनी त्रिवेदी काॅर्प ने विराट रामायण मन्दिर में रूचि दिखायी है। कंपनी अगले एक महीने के भीतर अपना पूरा प्रस्ताव देगी जिस पर प्रक्रिया के अनुसार समुचित निर्णय लिया जाएगा। त्रिवेदी काॅर्प के सीएमडी किरण भाई त्रिवेदी ने बताया कि मंदिर निर्माण और डिजाइन के क्षेत्र में उनकी कंपनी तीन पीढ़ियों से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि विराट् रामायण मन्दिर की साज-सज्जा और फीनिशिंग के लिए चुनार के पत्थर सबसे उपयुक्त होंगे। काशी कोरीडोर में चुनार के पत्थरों का ही उपयोग किया गया है। इन पत्थरों की विशेषता है कि इसमें काई नहीं लगती और ये वर्षा आदि के प्रभाव से काले नहीं पड़ते। किरण भाई त्रिवेदी ने बताया कि विराट् रामायण मन्दिर की दीवारों पर पत्थरों में रामायण के विभिन्न प्रसंगों से जुड़ी कलाकृति उकेरी जाएगी। इस संदर्भ में उन्होंने एक सांकेतिक प्रजेंटेशन भी दिया है। विराट् रामायण मन्दिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस पी के सिन्हा ने बताया कि विराट् रामायण मन्दिर देश और दुनिया का सबसे बड़ा मन्दिर बन रहा है। उसे भव्य के साथ आकर्षक और मनोहर स्वरूप दिया जाएगा। इसी संदर्भ में गुजरात की बड़ी कंपनी से चर्चा हुई। त्रिवेदी काॅर्प के सीएमडी किरण भाई त्रिवेदी ने बताया कि उनकी कंपनी ने इंग्लैंड में कृष्ण मंदिर और कई गुरुद्वारा का निर्माण और डिजाइन आदि किया है। अमेरिका के न्यूयार्क, लास एंजिल्स समेत कई शहरों में कंपनी ने मंदिरों का डिजाइन और निर्माण किया है। न्यूजीलैंड में भी कंपनी ने शिव मन्दिर बनवाया है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट् रामायण मन्दिर 2027 के रामनवमी तक बनकर तैयार होने की संभावना है। विराट् रामायण मन्दिर में कुल 22 देवालय होंगे जिनमें 21 देवी-देवताओं का जिक्र रामायण में आया है। उससे इतर एक भगवान श्रीकृष्ण का भी उप मंदिर होगा। अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर अवस्थित विराट् रामायण मन्दिर 140 एकड़ क्षेत्रफल में है। मंदिर परिसर में विवाह भवन, धर्मशाला आदि भी होंगे।