सहायक पुलिस कर्मियों पर लाठीचार्ज कराना निंदनीय: दिलीप मिश्रा

खूंटी : सहायक पुलिसकर्मियों पर झारखंड पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज की घटना अत्यंत निंदनीय है। यह बातें झाविमो के पूर्व जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने कही।
उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से सहायक पुलिस कर्मियों की जायज मांगों को पूरा करने की मांग की। सहायक पुलिसकर्मी जो विगत 7 वर्षों से कार्यरत है। जिसकी बहाली पुलिसकर्मी की तरह ही किया गया अंतर सिर्फ सहायक एवं 10000 के मानदेय पर रखा गया है। उनमें से कई का उम्र खत्म हो गया वह कहां जाएगा। उसके लिए तो जीना मरना सहायक पुलिस की ही नौकरी है। कई एक बार सहायक पुलिसकर्मी का स्थाईकरण हेतु मंत्रिमंडल समिति बनाया गया पर उसका कोई फलाफल नहीं निकला। सहायक पुलिस कर्मी भी स्थाई पुलिस कर्मी की तरह हर गोपनीय पहलू से अवगत है। ऐसी स्थिति में अगर उन लोगों की समस्याओं पर साहनुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय में पुलिस की हर गतिविधि हर गोपनीय चीजों बाहर भी जा सकता है। जिससे कानून व्यवस्था में व्यापक असर पड़ना स्वाभाविक है। क्योंकि पुलिसिंग की सारी गतिविधियां नियम कानून सबसे वह वाकिफ है। पुलिसकर्मी उनके बड़े भाई हैं और सहायक कर्मी छोटे भाई हैं ऐसी स्थिति में दोनों के बीच में लाठीचार्ज होना यह समाज को कलंकित करने की तरह है।
मुख्यमंत्री जी जिस तरह झारखंड के विधायकों एवं मंत्रियों के सुख सुविधा वेतनमान में वृद्धि किया गया। सारे नियमों को ताक पर रख कर उसी तरह सहायक पुलिस कर्मियों की मांगों सहानुभूति पूर्वक विचार कर स्थाई समाधान करने का कार्य करेंगे तो उन सहायक पुलिस कर्मियों का भविष्य सुरक्षित रह सकेगा।
लाठी चार्ज किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। सहायक पुलिसकर्मी भी पुलिस कर्मी का एक छोटा भाग है। सरकार को इस और सकारात्मक पहल करने की जरूरत है। मैं झारखंड सरकार से आग्रह करता हूं कि सहायक पुलिस कर्मियों का सारे नियम को शिथिल कर स्थाई करण करने का पहला किया जाए।

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