बिहार खादी समर कैम्प में प्रतिभागियों ने बनाया जटिल विचारात्मक मंडला आर्ट
पटना। बिहार राज्य खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित समर कैम्प का दूसरा सत्र 27 मई से शुरू हो चुका है। दूसरे सत्र में छात्रों व अभिभावकों को मंडला पेंटिंग की प्रशिक्षण दी गई।जहाँ उन्हें मंडला पेंटिंग की जटिल कला सीखने का एक अनूठा अवसर मिला। कलाकृति का यह पारंपरिक रूप, जो अपने विस्तृत ज्यामितीय पैटर्न व जीवंत रंगों के लिए जाना जाता है। वहींं एक रचनात्मक रुचि और ध्यान का अनुभव दोनों प्रदान करता है। इस रचनात्मक कला का प्रशिक्षण बिहार की युवा कलाकार व वास्तुकार समृद्धि कौशिक द्वारा दिया गया। दूसरे सत्र में प्रतिभागियों ने कई विचारात्मक और संवेदनाओं से परिपूर्ण चित्रकला बनाए।
मंडला पेंटिंग के साथ नए बैच के प्रतिभागियों को स्टार्ट अप के बारे में भी जानकारी दी गई। बच्चों और अभिभावकों के बीच खेल-खेल में एक विशेष गतिविधि का आयोजन किया गया, जिसमें उन्हें कई टीमों में विभाजित कर एक नए स्टार्टअप आइडिया और नवाचार के बारे में विचार-मंथन करने को कहा गया। सबसे बेहतरीन आइडिया की प्रस्तुति सबके बीच दी गई। इस गतिविधि का संचालन स्टार्टअप सपोर्ट यूनिट,उद्योग विभाग के शिवेंद्र कुमार, मनीष कुमार रंजन व ज़ीरो लैब बिहार से दीप्ति आनंद द्वारा किया गया।
विभिन्न स्कूलों के बच्चे व अभिभावक हर दिन पूरे जोश और ऊर्जा के साथ इस समर कैम्प में भाग ले रहे हैं। माता-पिता के साथ बच्चों को भी टीम वर्क और समन्वय सीखने का अवसर मिल रहा है।
बिहार राज्य खादी ग्रीष्मकालीन शिविर का हिस्सा बनकर पहले सप्ताह में बच्चों ने मोमबत्ती बनाना सीखा। अब दूसरे सप्ताह में वे उपचारात्मक मंडला पेंटिंग एवं साबुन बनाने की कला सीखेंगे।
इस समर कैम्प का मुख्य उद्देश्य बच्चों में विभिन्न कौशल का विकास करना है। यह निःशुल्क समर कैम्प कौशल विकास के बारे में जानने और ग्रामीण शिल्पकारों को उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करने का एक सुनहरा अवसर है।
इस समर कैम्प द्वारा न केवल प्रतिभागियों को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान किया गया, बल्कि उन्हें ग्रामीण उद्यमिता की दिशा में प्रेरित भी किया गया।