पटना में सीधे दो गुना हो गया ऑटो का किराया
अनूप कुमार सिंह
पटना :बिहार की राजधानी पटना में अब टेंपो व ई रिक्शा पर ड्राइवर की अगल-बगल वाली सीटों पर सवारियां नहीं बैठे नजर आएंगे।पटना यातायात पुलिस ने वैसे टेंपो व ई रिक्शा ड्राइवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। जो नियम कानून को ताक पर रखकर ऑटो और ई रिक्शा के आगे वाली सीट। जहां ड्राइवर बैठकर गाड़ी ड्राइव करता है। उसके अगल-बगल सवारी बैठाते हैं। यह व्यवस्था हाल ही में पटना बाईपास पर हुई एक भीषण टेंपो दुर्घटना के कारण की गई है। महज तीन से चार सवारी को बैठने वाली क्षमता वाले टेंपो में दुर्घटना के वक्त 8 सवारियों को बैठाया गया था। बिहार की राजधानी पटना की लाइफ लाइन ऑटो ही है। आपको दानापुर से लेकर पटना सिटी तक हर एक रूट पर ऑटो और ई रिक्शा चलते मिल जायेंगे। ई रिक्शा में चार सवारी को बैठने की जगह होती है। जबकि ऑटो में तीन सवारी की। लेकिन ज्यादा कमाई के चक्कर में ऑटो ड्राइवर आगे की छोटी सीट पर भी दो से तीन लोगों को बैठा लेता है। जिसमें ऑटो चलाते वक्त उसका बैलेंस कभी भी सही नहीं होता। दूसरी तरफ ई रिक्शा पर अधिकतम चार लोग बैठ सकते हैं।पर यहां भी ड्राइवर के आगे वाली सीट के बगल में दो से तीन लोगों को बैठाया जाता है। पटना के सभी रूटों पर पटना यातायात पुलिस ने कैमरे लगा रखे हैं।पुलिस के जवान तैनात रहते हैं।पर किसी को भी इन सब चीजों से कोई लेना-देना नहीं होता है।अब जबकि एक भीषण दुर्घटना हुई है।तो कार्रवाई शुरू हुई है। लेकिन इसका भी एक बड़ा साइड इफेक्ट पटना वासियों के ऊपर ही देखने को मिल रहा है। जब ऑटो ड्राइवरो ने पटना में सीधे हर एक रूट पर 5 से ₹10 किराए में बढ़ोतरी कर दी है। बिहार ऑटो ड्राइवर यूनियन एसोसिएशन के नेताओं का कहना है। जहां आगे की सीट पर सवारी नहीं बैठने की स्थिति में पीछे की सवारी को ही अतिरिक्त भाड़ा वहां करना पड़ेगा। पटना यातायात पुलिस सूत्रों के अनुसार राजधानी पटना में 70000 से ज्यादा ऑटो और ई रिक्शा निबंधित हैं। पुलिस की लापरवाही सवारी की खामोशी के कारण पटना में ऑटो में सवारी करने वाले लोगों की जान पर सदैव खतरा बना रहता है।ऑटो रिक्शा का ना स्पीड निश्चित है। और ना ही इन लोगों को सवारी से कोई लेना देना होता है। जल्दबाजी के चक्कर में प्रतिदिन राजधानी पटना में ऑटो पलटने जैसी घटनाएं सरेआम होती है।