आदिवासियों की आस्था ही झारखण्ड की पहचान : गुलाम अहमद मीर
रांची : कांग्रेस के महासचिव एवं झारखण्ड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा है कि आदिवासियों की आस्था और प्रकृति के प्रति उनका गहरा विश्वास ही झारखण्ड की असली पहचान है। आदिवासियों की पहचान के साथ ही उनकी परंपरा को भी उसे स्वरूप में ढालना चाहती है, जहां आदिवासियों की एकजुटता का सीधा फायदा देश को मिलेगा। वे शनिवार को राजधानी के मुड़मा में शक्ति स्थल एवं बनहोरा में सरना स्थल पर मत्था टेकने पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही आदिवासियों के विश्वास का सम्मान किया है और गठबंधन की सरकार कायम होने के बाद सरना कोड को अविलंब लागू किया जायेगा। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस, झारखण्ड के स्वभाव के साथ ही यहाँ के जनमानस की भावना को अच्छी तरीके से समझती है। इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासियों की भावना की अनदेखी कर झारखण्ड की कोई भी सरकार नहीं चल सकती और न ही उसे चलने दिया जायेगा. श्री तिर्की ने कहा कि जिस प्रकार से भाजपा और केन्द्र की मोदी सरकार ने आदिवासियों से संबंधित प्रत्येक कानून की सुरक्षा कवच ढीली की है उसे देखते हुए इस बात में कोई अंदेशा नहीं कि यह आदिवासियों के हित की अनदेखी करने के मामले में सबसे आगे है. इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की,सरना धरम गुरु बंधन तिग्गा, सुखदेव भगत, अजय नाथ शाहदेव, जयशंकर पाठक, सुरेश बैठा, विनय सिन्हा दीपू, अभिजीत सहित अनेक नेता उपस्थित थे।