सरना और ईसाई को एक होने की जरूर: राजेश कच्छप
रांची:यूसीसी, वन संरक्षण संशोधन अधिनियम 2023, डीलिस्टिंग और मणिपुर हिंसा के खिलाफ लोवाडीह के निर्मला विद्यालय में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
एक दिवसीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि डीलिस्टिंग हुआ तो झारखण्ड के अधिकतर विधान सभा की आरक्षण की सीट खत्म हो जाएगा। विधानसभा की सीट कम हो जाएगी। उन्होंने कहा मणिपुर में शांति कायम होना चाहिए। हिंसा बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरना ईसाई को एक होना होगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कोलेबिरा विधायक नमन विक्सल कोनगाड़ी ने कहा कि यह देश विविध धर्मो व जाति का है सरना , ईसाई, हिंदू झारखंड में मिलकर रहते हैं। उन्होंने कहा जाति धर्म की राजनीति बंद होनी चाहिए। विशेष अतिथि के ऊपर में उपस्थित डॉ बास्की किड़ो ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम आदिवासियों के लिए डेट वारंट है जंगल छीन लिया जाएगा। आदिवासी जीवित नहीं रह पाएंगे। हजारों मुकदमें लग जाएंगे। 2006 का अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों के अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 पेसा कानून सीएनटी एक्ट एसपी एक्ट विल्किन्सिन रूल इत्यादि का महत्व खत्म कर दिया गया। रक्षा के निर्माण हेतु 10 हेक्टेयर और जनहित पारा मिलिट्री फोर्स के लिए 5 हेक्टेयर जंगल भूमि लेने का प्रावधान कर दिया गया है। जंगल नहीं बेचेंगे तो आदिवासी नहीं बचेंगे। निरंजन ने कहा कि बाहर के लोगों का राशन कार्ड वोटर कार्ड कैसे बन रहा है इसकी जांच हो। अजय टोपा ने कहा कि डीलिस्टिंग से समूचे आदिवासी समुदाय को नुकसान होगा। पी एम टोनी ने कहा कि सांस्कृतिक विधि देवता वाले देश में समान नागरिक संहिता नहीं चल सकता आदिवासी समाज में विवाह अलगाव गोद लेने और संपत्ति उत्तराधिकार के अलग-अलग नियम तथा परंपराएं हैं। सब ध्वस्त हो जाएंगे।
कार्यक्रम का संचालन पुष्पिका मिंज ने किया। मौके पर उपस्थित पूर्व पार्षद कुलभूषण डुंगडुंग, अनिल पन्ना, अलेक्स लकड़ा, भिमसेन्ट, अलका टोप्पो, सरिता कुजूर, लुइसा टोप्पो, प्रेम मिंज, किशोरी लकड़ा एवं अन्य लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे।