शिक्षा के साथ-साथ हुनरमंद भी होना एक मास्टर डिग्री के बराबर है: हेमंत सोरेन
सीएम ने किया मुख्यमंत्री सारथी योजना का शुभारंभ
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब हमलोग चुनाव लड़ रहे थे, उस समय हमने वादा किया था कि राज्य के नौजवानों को हुनरमंद और बेरोजगारी भत्ता राज्य सरकार देगी।
उसी वादे में से एक वादा आज पूरा किया जा रहा है। जहां पर बड़े पैमाने पर पढ़े लिखे छात्र छात्राओं को हुनरमंद बनाएंगे,ताकि आने वाले समय में कही पर भी रोजगार पाने में परेशानी नहीं हो पाए।
वे शनिवार को को आर्यभट्ट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सारथी योजना अंतर्गत बिरसा योजना एवम रोजगार प्रोत्साहन भत्ता,परिवहन भत्ता वितरण का शुभारंभ करते हुए मंच को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज के दिन में अगर आपके हाथ में हुनर है तो आप जीवन में कभी भूखा मर नहीं सकते हैं। वर्तमान समय में जिस तरीके से कार्यशैली में,आम रोजगार में,घरेलू कार्यों में,उधोगों में कार्य करने की जो पद्धति बन रही है,अगर आप ट्रेंड नहीं है तो आप दिहाड़ी मजदूर के बराबर हैं।
बड़ी बड़ी कंपनियों में अत्याधुनिक मशीन लग गई है। उनको चलाने के लिए हुनरमंद होना जरूरी है।
इसलिए शिक्षा के साथ साथ हुनरमंद भी होना जरूरी है।
सीएम ने कहा कि सरकारी नौकरियां की संख्या घटते जा रही है। केंद्र सरकार सभी सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में दे रही है। वहीं सेना में भी केंद्र सरकार ने नियुक्तियों में बदलाव कर दिया है। इसके अलावा बैंकों में भी नौकरी नहीं है। बैंकों का बड़ी संख्या में मर्ज हो गया है। रेलवे में भी नौकरी नहीं है। रेलवे और रेलवे स्टेशन को केंद्र सरकार निजी हाथों में दे रही है। युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिल रही है। इसलिए पढ़े लिखे बहुत सारे नौजवान लाखों की नौकरी छोड़कर स्वरोजगार की तरफ बढ़ रहे हैं। कोई आम बागान लगा रहा है तो कोई मुर्गी,मछली पालन कर रहा है। यही नहीं अपने क्षेत्र के अन्य नौजवानों को भी रोजगार से जोड़ रहा है।
सीएम ने कहा कि यहां के पढ़े लिखे छात्र छात्राओं और नौजवानों के लिए हमारी सरकार ने राज्य के सभी प्रखंडों में कौशल विकास केंद्र खोलने का आज शुभारंभ किया है। गांव से केंद्र जाने आने के लिए आपके लिए परिवहन भत्ता की भी सरकार देगी। यहीं नहीं गरीब आदिवासी,दलितों की पढ़ाई का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी।
सीएम ने कहा कि आज देश की स्थित यह है की 80प्रतिशत लोग सरकारी राशन पर जीवित रहने को मजबूर हैं। आज देश की अर्थव्यवस्था अच्छी नहीं है महंगाई आसमान छू रही है। मंहगाई गरीब और अमीर के लिए अलग अलग नहीं होता है।
सीएम ने कहा कि वर्तमान समय में झारखंड के आदिवासी दलित, पिछड़ा वर्ग के बच्चे विदेशों में पढ़ने जा रहे हैं। उसका सारा खर्चा राज्य सरकार दे रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार बड़ी संख्या में नियुक्तियां निकालने जा रहे है।
श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि इस योजना से प्रदेश के युवक युवतियों को रोजगार मिलेगा। सभी को प्रशिक्षण देकर सभी को रोजगार से जोड़ेंगे। पहले राज्य के युवक युवतियां मानव तस्करी के शिकार होते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा,उन्हें प्रशिक्षण देकर रोजगार देंगे।
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमारी सरकार के गठन काल से ही झारखंड के युवाओं को रोजगार देने की दिशा में कार्य कर रही है। राज्य सरकार चाहती है की युवाओं का भविष्य बेहतर बने,लोगों को रोजगार मिले और खुशहाल रहे,सीएम इसके लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कोरोनाकाल की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में रोजगार देने के लिए कई योजना चलाया गया। रोजगार की दिशा में जैसे ही हमारी सरकार आगे बढ़ती है कोई न कोई अड़चन खड़ा कर दिया जाता है।नियोजन नीति बनाया गया तो हाईकोर्ट से टिप्पणी होने के बाद रूक गया। लेकिन सीएम रुके नहीं यहां के बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए प्रयास करते रहे। 26 हजार नए शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी अन्य बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ना है।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण लेकर स्थानीय नौजवानों को एक यूनिट बनाकर गांव में अन्य लोगों को भी प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने की जरूरत है।
कार्यक्रम में श्रम नियोजन विभाग के सचिव
राजेश कुमार शर्मा ने सीएम सहित सभी अतिथियों को कल्पतरू का पौधा भेंट किया।
राज्य सभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि राज्य सरकार गांव स्तर पर कौशल विकास केंद्र खोल रही है। इससे वहां के महिला एवम पुरुषों को ट्रेनिंग मिलेगा और उन्हें झारखंड में ही काम मिलेगा।
उद्घाटन कार्यक्रम में कई जिले में कौशल विकास केंद्र के बच्चे ऑनलाइन जुड़े। सीएम ने कई बच्चे से ऑनलाइन बात किया। इसके अलावा कौशल विकास से जुड़ी लघु फिल्म का भी प्रसारण किया गया।