मुन्ना हो या मुनिया, हो बस दो बच्चों की दुनिया हो: बन्ना गुप्ता

रांची: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि आज जिस तरीके से जनसंख्या बढ़ रही है, वह चिंता का विषय है। इसका दुष्परिणाम अर्थव्यवस्था, ग्लोबल वार्मिंग, रोजगार आदि क्षेत्र में दिखने लगा है। प्रकृति के साथ जो हम छेड़-छाड़ कर रहे हैं, उससे भविष्य में बड़े संकट उत्पन्न होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में दहेज उत्पीड़न और बेटे की चाहत में बेटियों की भूर्ण हत्या आदि के कारण आज देश में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या कम है। वह आज 35वें विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर रांची में होटल बीएनआर चाणक्या के सभागार में अयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण हेतु लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ को भी रवाना किया । राज्य में 27 जून से 31 जुलाई तक यह अभियान चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में सी.एच.ओ मैन्युअल, सहिया बुकलेट एवं ब्रोशर का भी विमोचन किया गया। साथ ही नव दम्पतियों के बीच नई पहल किट वितरित किये गये। वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे डॉक्टर, एनएचएम, सहिया, आदि को भी सम्मानित किया गया।
मंत्री ने कहा कि झारखंड जनसंख्या नियंत्रण के क्षेत्र में राष्ट्रीय औसत के करीब है। उन्होंने कहा कि जो मामूली अंतर है, उसे भी जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा| उन्होंने बताया कि राज्य में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी आयी है। परिवार नियोजन के तहत 5 वर्षों में 5 लाख से अधिक महिलाओं का बंध्याकरण कराया गया है, लेकिन पुरुष नसबंदी की संख्या बहुत कम है। हमें इस दिशा में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है|
मंत्री ने कहा कि आज हमें मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है | बेटा हो या बेटी, दोनों को समान दृष्टि से देखने की मानसिकता होनी चाहिए| मुन्ना हो या मुनिया हो, बस दो बच्चों की दुनिया हो के सिद्धांत को अपनाने की जरूरत है| उन्होंने कहा कि हमें प्रण लेना चाहिए कि किसी घर में जैसे ही बच्ची का जन्म हो, फलदार पेड़ लगायें और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं|
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह ने कहा कि भारत युवाओं का देश है| 1951 में जहां भारत की आबादी लगभग 36 करोड़ थी, वहीं आज 35वें विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर यह बढ़कर 140 करोड़ के आस पास हो गयी है। यह बढ़ती जनसंख्या दर गंभीर चिंता का विषय है। इस जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या स्थिरता अभियान के माध्यम से हम झारखंड के लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। इसके तहत जागरूकता रथ को रवाना किया गया है। जागरूकता रथ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों को जनसंख्या नियंत्रण हेतु 27 जून से 31 जुलाई तक जागरूक करने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए जनसंख्या में स्थिरता लाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है। एनिमिया और कुपोषण से लड़ाई लड़ी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब कैंसर को अधिसूचित बीमारी की सूची में जोड़ने जा रहा है। इससे सरकार कैंसर मरीजों की वस्तुस्थिति से ससमय अवगत हो सकेगी और उनके हित के लिए कदम उठा सकेगी। अभी भी ग्रामीण महिलाओं के बीच इस बीमारी के प्रति कई भ्रांतियां फैली है। इसके निराकरण के लिए भी कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, अपर अभियान निदेशक विद्यानंद पंकज शर्मा, नोडल पदाधिकारी परिवार नियोजन, निदेशक प्रमुख, सिविल सर्जन, एन.एच.एम एवं विभिन्न जिलों के स्वास्थ्य प्रतिनिधिगण राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ जुड़ी यूएसएआईडी मोमेंटम, इनजेंडरहेल्थ, पीएसआई इंडिया, पीएचएसआई एवं एफआरएचएस इंडिया के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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