विश्व जनसंख्या दिवस पर डीसी ने जिला स्तरीय परिवार स्वास्थ्य मेला का किया शुभारंभ
खूंटी : विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में मंगलवार को जिला स्तरीय परिवार स्वास्थ्य मेला का शुभारंभ उपायुक्त शशि रंजन ने गया।
लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, साथ ही जागरूकता रैली भी निकाली गई जो लोगों को परिवार कल्याण की योजनाओं से अवगत करा रहे हैं।
इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि परिवार नियोजन मेला में गांव स्तर पर लोगों तक कैसे पहुंचे यह एक अनूठी पहल है और इस तरह की पहल हम लोग हर वर्ष करते हैं और इसमें खूंटी जिला काफी आगे भी बढ़ रहा है और परिवार नियोजन के माध्यम से “हम दो हमारे दो” को हम सार्थक कर सकते हैं। समय के साथ तकनीक एवं जीवन शैली भी तेजी से परिवर्तित हो रही है। हमारे पास संसाधन सीमित हैं, छोटा परिवार रहने से हम अपने बच्चों को बेहतर तरीके से देखभाल कर पाते हैं। अब चिकित्सीय सुविधा लोगों को घर-घर तक उपलब्ध कराई जा रही है, परिवार नियोजन के साधन के साधन के सम्बन्ध में लोगों को जानकारी देना एवं घर-घर तक पहुंचाना आवश्यक है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के साथ ही उन्होंने सिकल सेल एनीमिया से संबंधित जानकारी देते हुए लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया। साथ ही खा कि सिकल सेल अनीमिया की जांच ग्राम स्तर पर की जा रही है ताकि विशेष रूप से उचित रोकथाम कार्य किए जा सके।
उन्होंने कहा कि जिले में उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य हो रहे है। सभी के जागरूक दृष्टिकोण और सहयोग से हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करने में सफल रहेंगे।
सिविल सर्जन ने कहा कि जिले में कुल एक लाख बीस हजार नौ सौ आठ योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधन उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है। लक्ष्य की प्राप्ति हेतु स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है एवं लोगों को सुलभता पूर्वक इन साधनों को पहुंचाना सुनिश्चित करेगा 2022- 23 में परिवार नियोजन में बेहतर कार्य करने के लिए सीएचसी कर्रा को पुरस्कृत किया गया।
उपायुक्त ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य परिवार कल्याण आयामों के तहत जनवृधि दर में कमी लाना है। इसके लिए परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों का प्रयोग अतिआवश्यक है। अधिक जनसंख्या देश के व राज्यों के संसाधनों पर काफी बुरा प्रभाव डालती है। अतः सभी लोगों को मिलकर जागरूकता लाने की आवश्यकता है।
इस परिस्थिति में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के प्रयास लोगों को खुद करना होगा। जनसंख्या वृद्धि के कारण बच्चों को उचित खान-पान एवं शिक्षा भी नहीं मिल पा रही है जिसके कारण हम एक स्वास्थ्य समाज की परिकल्पना भी नहीं कर सकते।
इस अवसर पर बताया गया कि जब जनसंख्या धीरे- धीरे बढ़ते हुए पांच करोड़ की संख्या को पार कर गई तो वृद्धि दर को कम करने के लिए सन् 1999 में पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि सहियाओं के द्वारा सर्वे करके योग्य दंपत्ति की सूची बनाई गई है, जिन्हें आवश्यकतानुसार परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराया जाना है।
परिवार कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले डॉक्टर्स, बीटीटी, एएनएम, सहिया आदि को सम्मानित किया गया, साथ ही विभिन्न प्रखंडों में योग्य दंपत्तियों को भी सम्मानित किया गया।
मौके पर जिले के सिविल सर्जन, श्री अजीत खलखो, एसीएमओ, श्रीमती रजनी नीलम टोप्पो, डीपीएम कानन बाला तिर्की, डीपीसी डॉ उदयन शर्मा, डीडीएम श्वेता सिंह, डीएएम विकास कुमार सिंह सुनीता दास सहित स्वास्थ्य कर्मी एसटीटी बीटीटी एएनएम एवं सहिया उपस्थित थे।