न धर्म बनी दीवार, न हिटलर बने मां-बाप…परिवारों की रजामंदी से हिंदू युवक ने मुस्लिम युवती से रचाई शादी
भभुआ: बिहार के कई शहरों से प्रेम को लेकर एक से एक डराने वाली खबरें आ रही हैं। कई भाई पंचायत से बहन को अगवा कर ले गया तो कहीं बहन के प्रेम विवाह करने से नाराज भाई ने उसके पुतले का दाह संस्कार कर दिया।इस बीच, भभुआ में धर्म की बंदिशों को तोड़ एक प्रेमी युगल ने कोर्ट में शादी रचाई है। दो अलग-अलग धर्म के लोगों की शादी को देखने के लिए कोर्ट में लोगों की भीड़ जुट गई।जानकारी के मुताबिक, तीन वर्ष पूर्व से चैनपुर प्रखंड के हाटा गांव निवासी बजरंगी कुमार और मोहनिया प्रखंड के कुर्रा गांव निवासी नैना खातून के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन बालिग नहीं थे।जब बालिग हुए तो दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। इसके पहले दोनों ने कोर्ट में बालिग होने का प्रमाण दिया। इसके बाद कोर्ट परिसर में स्थित मंदिर में ही शादी कर ली।इस शादी को देखने के लिए कोर्ट में काफी संख्या में लोगों जमा हो। हालांकि, किसी ने भी दोनों की शादी का विरोध नहीं किया। बजरंगी कुमार और नैना खातून के परिवारों ने भी दोनों की शादी को रजामंदी दे दी। दोनों ने कोर्ट में शपथ पत्र दिया, जिसमें एक-दूसरे से शादी कर आजीवन साथ रहने की बात कही।बता दें कि कैमूर जिले में पहली बार दो अलग-अलग धर्म के लोगों की शादी इतनी शांति और सहमति से हुई है। इसके पहले कोर्ट परिसर या अन्य जगहों पर कई शादियां हुई हैं, लेकिन एक ही जाति या दो अलग-अलग जाति के वर-कन्या रहे हैं।अब तक दो अलग-अलग धर्म के वर कन्या की शादी सामाजिक तौर पर नहीं हुई है। इस शादी को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा भी हो रही है।बता दें कि पूर्णिया में एक लड़की ने अपने प्रेमी के साथ भागकर शादी कर ली। इससे नाराज परिवार वालों ने उसका अंतिम-संस्कार करने का निर्णय लिया और हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार, लड़की का पुतला बनाकर चार कंधों पर लेकर टीकापट्टी श्मशान घाट पहुंचे तथा चिता सजाकर उसे मुखाग्नि दी।