तीन दिवसीय बांग्ला सांस्कृतिक मेला का समापन,सीएम हेमंत सोरेन,मंत्री आलमगीर हुए उपस्थित
रांची: डॉ. रामदयाल मुंडा स्टेडियम में तीन दिवसीय बांग्ला मेला का रविवार देर रात बांग्ला संगीत,नृत्य और नाटक के मंचन के साथ समापन हो गया। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सीएम हेमंत सोरेन और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम उपस्थित हुए। आयोजकों ने अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया।
मौके पर मंच से संबोधित करते हुए सीएम ने आयोजन समिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि बांग्ला भाषा और संस्कृति काफी समृद्ध है। झारखंड में बांग्ला भाषा कई जिले में बोली जाती है। पश्चिम बंगाल से कई जिला झारखंड को टच करता है। यहां काफी संख्या में बंग समुदाय के लोग रहते हैं।
कई जिले में क्षेत्रीय भाषा के तौर पर बांग्ला भाषा भी बोली जाती है। कई भाषा बांग्ला से मिलता जुलता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में कई भाषा बोली जाती है उसमे बांग्ला भी प्रमुख रूप से है। यहां पर काम करने वाले अधिकांश अधिकारी हिंदी या अन्य भाषा बोलते हैं। लेकिन क्षेत्रीय भाषा नहीं बोल पाते हैं। इससे स्थानीय लोगों से बेहतर समझाने में परेशानी होती है। झारखंड में काम करने वाले अधिकारियों को क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान होना जरूरी है।
वहीं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि बंगला गीत और संगीत काफी मधुर लगता है। झारखंड के कई जिले में खासकर पाकुड़ में अधिकांश लोग बोलचाल में बांग्ला भाषा का प्रयोग करते हैं।
वहीं झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी लोगों कों धन्यवाद दिया। आयोजन समिति ने सीएम से बांग्ला भाषा को सभी सरकारी स्कूलों में शुरू करने की मांग की। साथ ही रविंद्र सदन परिचालन बंगाली युवा मंच समिति को देने की मांग की।
बांग्ला सांस्कृतिक मेला में कई सरकारी विभाग के द्वारा स्टॉल लगाए गए थे। उसमे कृषि एवम बागवानी मिशन के द्वारा स्टॉल में एपीपी एग्रीगेट ने मशरूम उत्पादन से जुड़े सभी प्रॉडक्ट को लगाया था। वहीं समापन कार्यक्रम में एपीपी एग्रीगेट के निदेशक प्रभाकर कुमार ने सीएम हेमंत सोरेन को मशरूम का बैग और मशरूम उत्पादन से जुड़ी एपीपी एग्रीगेट द्वारा प्रकाशित पुस्तिका भेंट किया। सीएम ने प्रभाकर कुमार को धन्यवाद दिया साथ ही ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को मशरूम उत्पादन से जोड़ने की बातें कही। प्रभाकर कुमार ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को भी पुस्तिका भेंट किया।