20 अप्रैल बृहस्पतिवार का राशिफल एवम पंचांग
मेष:आज आपका दिन सामान्य रहेगा । दूसरे से अधिक अपेक्षा करेंगे। जल्दबाजी से काम न करें। दौड़धूप अधिक रहेगी। कोई सूचना मिल सकती है , धैर्य रखें। चिंता तथा तनाव को हावी न होने दें विजय आपकी ही होगी। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। स्वास्थ्य लाभ होगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी ,वु , वे, वो)
आज आपका दिन बढ़िया रहेगा। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। कोई मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। शरीर कष्ट से बचें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। नए मित्र बनेंगे। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बन सकती है। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शुभ समय। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
बड़ा काम करने का मन बनेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ बढ़ेगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। दूर से सुखद सूचना मिल सकती है। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय बढ़ेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। बुरे लोगों से दूर रहें।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रशंसा प्राप्त होगी। परिवार तथा मित्रों के साथ कोई मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। रुका हुआ पैसा मिलने का योग है। मित्रों के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे समय अनुकूल है। आलस्य त्यागकर प्रयास करें। नींद पूरी लें।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय भावना में बहकर न करें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। आय बनी रहेगी। थकान महसूस होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
नौकरी में अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। व्यापार में मनोनुकूल लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। शुभ समय। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। कारोबार में वृद्धि पर विचार हो सकता है।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन सहायता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति में बाधाएं दूर होंगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा व्यय हो सकता है। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा की आयोजना हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
मानसिक क्लेश होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में कमी हो सकती है। व्यापार ठीक चलेगा। लोगों से अधिक अपेक्षा न करें। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। लापरवाही न करें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ विवाद हो सकता है।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से बचें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भूमि, भवन, दुकान, शोरूम व फैक्टरी इत्यादि की खरीद-फरोख्त हो सकती है। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
बाहर जाने की योजना बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग कार्य में आसानी देगा। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे तथा समस्या बढ़ सकती है। विरोध होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।
🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 20 अप्रैल 2023
🌤️ दिन -गुरूवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
🌤️ मास – वैशाख
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – अमावस्या सुबह 09:41 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
🌤️ नक्षत्र – अश्विनी रात्रि 11:11 तक तत्पश्चात भरणी
🌤️योग – विष्कंभ दोपहर 01:01 तक तत्पश्चात प्रीति
🌤️ राहुकाल- दोपहर 02:13 से शाम 03:49 तक
🌞 सूर्योदय-05:31
🌤️ सूर्यास्त- 06:18
👉 दिशाशूल- दक्षिण दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – वैशाख अमावस्या,ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ
🔥 विशेष – अमावस्या और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
👉🏻 22 अप्रैल को अनंत पुण्य फल प्राप्ति का महायोग | सुख समृद्धि प्रदायक योग का लाभ अवश्य ले ⤵️
🌷 अक्षय फलदायी “अक्षय तृतीया” 🌷
➡ 22 अप्रैल 2023 शनिवार को अक्षय तृतीया है ।
🙏🏻 वैशाख शुक्ल तृतीया की महिमा मत्स्य, स्कंद, भविष्य, नारद पुराणों व महाभारत आदि ग्रंथो में है । इस दिन किये गये पुण्यकर्म अक्षय (जिसका क्षय न हो) व अनंत फलदायी होते हैं, अत: इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते है । यह सर्व सौभाग्यप्रद है ।
🙏🏻 यह युगादि तिथि यानी सतयुग व त्रेतायुग की प्रारम्भ तिथि है । श्रीविष्णु का नर-नारायण, हयग्रीव और परशुरामजी के रूप में अवतरण व महाभारत युद्ध का अंत इसी तिथि को हुआ था ।
👉🏻 इस दिन बिना कोई शुभ मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ या सम्पन्न किया जा सकता है । जैसे – विवाह, गृह – प्रवेश या वस्त्र -आभूषण, घर, वाहन, भूखंड आदि की खरीददारी, कृषिकार्य का प्रारम्भ आदि सुख-समृद्धि प्रदायक है ।
🌷 प्रात:स्नान, पूजन, हवन का महत्त्व 🌷
🙏🏻 इस दिन गंगा-स्नान करने से सारे तीर्थ करने का फल मिलता है । गंगाजी का सुमिरन एवं जल में आवाहन करके ब्राम्हमुहूर्त में पुण्यस्नान तो सभी कर सकते है । स्नान के पश्चात् प्रार्थना करें :
🌷 माधवे मेषगे भानौं मुरारे मधुसुदन ।
प्रात: स्नानेन में नाथ फलद: पापहा भव ॥
🙏🏻 ‘हे मुरारे ! हे मधुसुदन ! वैशाख मास में मेष के सूर्य में हे नाथ ! इस प्रात: स्नान से मुझे फल देनेवाले हो जाओ और पापों का नाश करों ।’
👉🏻 सप्तधान्य उबटन व गोझरण मिश्रित जल से स्नान पुण्यदायी है । पुष्प, धूप-दीप, चंदनम अक्षत (साबुत चावल) आदि से लक्ष्मी-नारायण का पूजन व अक्षत से हवन अक्षय फलदायी है ।
🌷 जप, उपवास व दान का महत्त्व 🌷
🙏🏻 इस दिन किया गया उपवास, जप, ध्यान, स्वाध्याय भी अक्षय फलदायी होता है । एक बार हल्का भोजन करके भी उपवास कर सकते है । ‘भविष्य पुराण’ में आता है कि इस दिन दिया गया दान अक्षय हो जाता है । इस दिन पानी के घड़े, पंखे, (खांड के लड्डू), पादत्राण (जूते-चप्पल), छाता, जौ, गेहूँ, चावल, गौ, वस्त्र आदि का दान पुण्यदायी है । परंतु दान सुपात्र को ही देना चाहिए ।
🌷 पितृ-तर्पण का महत्त्व व विधि 🌷
🙏🏻 इस दिन पितृ-तर्पण करना अक्षय फलदायी है । पितरों के तृप्त होने पर घर में सुख-शांति-समृद्धि व दिव्य संताने आती है ।
💥 विधि : इस दिन तिल एवं अक्षत लेकर र्विष्णु एवं ब्रम्हाजी को तत्त्वरूप से पधारने की प्रार्थना करें । फिर पूर्वजों का मानसिक आवाहन कर उनके चरणों में तिल, अक्षत व जल अर्पित करने की भावना करते हुए धीरे से सामग्री किसी पात्र में छोड़ दें तथा भगवान दत्तात्रेय, ब्रम्हाजी व विष्णुजी से पूर्वजों की सदगति हेतु प्रार्थना करें ।
🌷 आशीर्वाद पाने का दिन 🌷
🙏🏻 इस दिन माता-पिता, गुरुजनों की सेवा कर उनकी विशेष प्रसन्नता, संतुष्टि व आशीर्वाद प्राप्त करें । इसका फल भी अक्षय होता है ।
🌷 अक्षय तृतीया का तात्त्विक संदेश 🌷
🙏🏻 *’अक्षय’ यानी जिसका कभी नाश न हो । शरीर एवं संसार की समस्त वस्तुएँ नाशवान है, अविनाशी तो केवल परमात्मा ही है । यह दिन हमें आत्म विवेचन की प्रेरणा देता है । अक्षय आत्मतत्त्व पर दृष्टी रखने का दृष्टिकोण देता है । महापुरुषों व धर्म के प्रति हमारी श्रद्धा और परमात्म प्राप्ति का हमारा संकल्प अटूट व अक्षय हो – यही अक्षय तृतीया का संदेश मान सकते हो ।