गणादेश खासः झारखंड कैडर के एक युवा आईएएस, जो टीवी और फिल्में ही नहीं देखते, बस फ्रेडरिक बैकमैन की किताब से लेते हैं प्रेरणा

रांचीः इस्पात की चौखट लांघ कर आईएएस बनना. फिर शासन-प्रशासन में बेहतर परफॉरमेंस कर लोगों के बीच अपनी पहचान बनाना. करियर में एक्सपोजर भी पाना. इतने रास्तों से गुजर कर मंजिल पाने के पीछे कहीं न कहीं कोई आइडियल होता है. प्रेरणादायी किताबों का साथ मिलता है या कोई ऐसी फिल्म जो आगे बढ़ने के लिए हमेशा हौसला देती है. अधिकांश ब्यूरोक्रेट्स इन्हीं मूलमंत्रों को आत्मसात कर आगे बढ़ते हैं. लेकिन इन सबसे अलग झारखंड कैडर के एक ऐसे युवा आईएएस हैं, जिन्होंने अपनी कार्यशैली से लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है.रांची के डीसी रह चुके राय महिमापत रे किताबों से ही प्रेरणा लेते हैं. राय महिमापत रे 2011 बैच के अफसर हैं. वह टीवी नहीं देखते. फिल्मो के भी शौकीन नहीं है. यहीं नहीं बच्चों को भी टीवी से दूर रखते हैं. बस उनकी एक प्रेरणादायी किताब है फ्रेडरिक बैकमैन की ए मैन कॉल्ड ओव . इसी से वे प्रेरणा लेते हैं.
ऑटोबायोग्राफी योगी किताब को मानते हैं अपनी प्रेरणास्त्रोत
डीसी और नगर आयुक्त के रूप में अपनी पहचान बना चुके आईएएस अफसर मनोज कुमार ऑटोबायोग्राफी योगी (योगदानंद) किताब को अपनी प्रेरणास्त्रोत मानते हैं. साथ ही वे थ्री इडियट्स फिल्म को देखना नहीं भूलते. उनका कहना भी है फिल्म में फुल मस्ती के साथ कांसेप्ट क्लियर का संदेश भी है.

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