उद्योगों के लिए प्राथमिकता पर दें ऋण: समीर कुमार महासेठ
भभुआ : कैमूर जिला में उद्योग विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने बैंकों से कहा कि औद्योगिक परियोजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर ऋण देना सुनिश्चित करें। इसके लिए बैंकिंग कर्मचारियों और अधिकारियों को अपनी मानसिकता बदलने की भी आवश्यकता है। ऋण लेने के लिए लोगों को कई कई बार बैंकों की दौड़ लगानी पड़ती है। यह स्वीकार्य नहीं है। सभी बैंक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम मुद्रा योजना तथा पीएफएफएमई के तहत लक्ष्य के अनुसार कर्ज़ देना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। कैमूर जिला सहित पूरा शाहाबाद क्षेत्र और मगध क्षेत्र चावल उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। चावल की पैकेजिंग और ब्रांडिंग के लिए खाद्य प्रसंस्करण उन्नयन योजना के तहत औद्योगिक इकाइयों को सहायता प्रदान की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत किसानों, व्यक्तिगत निवेशक, किसान उत्पादक संगठन और स्वयं सहायता समूह को खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने, क्षमता विस्तार करने और फूड प्रोसेसिंग यूनिट का आधुनिकीकरण करने के लिए अनुदान का प्रावधान है।इसके लिए किसान और व्यक्तिगत निवेशकों को इकाई लागत पर 35% की सब्सिडी या अधिकतम 10 लाख रुपए तक का पूंजीगत अनुदान दिया जाता है। लेकिन योजना के क्रेडिट लिंक्ड रहने दे कारण जब तक बैंक ऋण नहीं देंगे लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने सभी बैंक प्रबंधकों से कहा कि अगले 15 दिनों में कम से कम एक एक लाभ का चयन हर बैंक मैनेजर करें। उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार ने कहा कि नियमों के मुताबिक, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में लाभार्थी किसान या निवेशक का अंशदान कम से कम 10% होना अनिवार्य है। किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए इकाई लागत पर 35% तक पूंजीगत अनुदान दिया जाता है। फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र से जुड़े स्वयं सहायता समूह के हर सदस्य को शुरुआत में 40,000 तक का अंशदान दिया जाता है। वही सेल्फ हेल्प ग्रुप के सदस्यों को पर्सनल यूनिट लगाने के लिए कुल लागत का 35% सब्सिडी या 10 लाख तक अनुदान के हकदार होते हैं। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (के तहत बिहार में सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित करने के लिए भी 35% तक पूंजीगत अनुदान और सामान्य उद्भवन केंद्रों के लिए 50% तक की सब्सिडी दी जाएगी। बैठक में कैमूर के उप विकास आयुक्त डॉ गजेंद्र कुमार सिंह ने सभी बैंकों को लक्ष्य अनुसार ऋण वितरण करने का निर्देश दिया। बैठक में विधायक भरत बिंद, जिला उद्योग केंद्र के प्रभारी महाप्रबंधक बृजेश कुमार, वरीय उप समाहर्ता बैंकिंग पम्मी रानी, लीड बैंक मैनेजर तथा सभी बैंकों के प्रतिनिधि शामिल हुए।