पुलिस मुख्यालय से ट्रांसफर ऑर्डर के बाद भी जिले में जमे हैं एसपी ऑफिस के रीडर,जिले के अधिकारी नहीं कर रहे उन्हें विरमित

खूंटी सहित कई जिले में वर्षों से पदस्थापित हैं कर्मी

रांची : झारखंड के करीब सभी सरकारी विभागों में कर्मियों को कमी है यह तो सरकार भी जानती है। पुलिस विभाग में भी इसकी बानगी देखी जा सकती है। जहां पर एक जिले में जमे वर्षों से पुलिस कर्मी उसी जगह से सेवानिवृत्त हो जाते हैं। जबकि पुलिस मुख्यालय पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर का ऑर्डर भी निकलता है।लेकिन कई जिले के पुलिस अधिकारी उन्हें विरमित ही नहीं करते हैं। कुछ इसी तरह का मामला खूंटी जिले में भी है। वहां पर एसपी कार्यालय में कई वर्षों से पदस्थापित रीडर प्रियदर्शी प्रियरंजन का पुलिस मुख्यालय द्वारा ट्रांसफर किए जाने का आदेश जारी करने के बाद भी उसी जिले में जमे हुए हैं। उनका ट्रांसफर रांची जिले में किया गया है।असहाय कर्मी चाहकर भी दूसरे जगह जा भी नहीं सकते हैं। क्योंकि उन्हें जिले के पुलिस अधिकारियों से परमिशन लेना होगा। जिले के पुलिस अधिकारी उन्हें विरमित ही नहीं कर कर रहे हैं। पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय ने इस तरह के 30 कर्मियों का ट्रांसफर ऑडर जारी किया था। Uame खूंटी एसपी कार्यालय में पदस्थापित रीडर को विरमित ही नहीं किया जा रहा है। एक जगह पर पुलिस कर्मी का बने रहना कही न कही भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है। वहीं खूंटी के पॉलिटिकल नेता सह झाविमो के पूर्व जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने कहा कि आखिर किस परिस्थितियों में वैसे कर्मियों को जिले विरमित नहीं किया जा रहा है। इसके लिए मैंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन,डीजीपी नीरज सिन्हा को पत्र प्रेषित किया है। उन्होंने कहा कि खूंटी एसपी कार्यालय में पदस्थापित रीडर का रांची ट्रांसफर हो चुका है। लेकिन जिले के अधिकारी उन्हें विरमित नहीं कर रहे हैं। यह हाल खूंटी का ही नहीं कई जिले में भी कुछ इसी तरह का हाल है। इससे भ्रष्टाचार से संबंधित दृष्टि को उजागर करता है। साथ ही आश्चर्य है कि पुलिस मुख्यालय के आदेश के बावजूद कई बार रिमाइंडर किया गया। फिर भी अनुपालन नहीं होना विडंबना नहीं तो क्या है।

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