मुंशी प्रेमचंद साहित्यिक प्रतियोगिता” का आयोजन
रामगढ़:क्षेत्र के प्रतिष्ठित संस्थान चितरपुर महाविद्यालय चितरपुर में कथा सम्राट “मुंशी प्रेमचंद जयंती” मनायी गयी जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर महाविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो० ताराचंद महतो शामिल हुए। प्रेमचंद जी की जयंती 31 जुलाई को होती है लेकिन उस दिन रविवार होने के कारण यह कार्यक्रम सोमवार को मनाया गया। कार्यक्रम में सभी विभाग के शिक्षक तथा छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। ज्ञात हो कि बीते शुक्रवार को महाविद्यालय में “मुंशी प्रेमचंद साहित्यिक प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया था जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को निबंध विषय में प्रथम स्थान हिंदी विभाग की उमा कुमारी को, द्वितीय स्थान हिंदी विभाग के विकास कुमार को तथा तृतीय स्थान भूगोल विभाग की ममता कुमारी को, लघु कथा में हिंदी विभाग की मधु कुमारी को प्रथम स्थान मिला तथा भाषण में छोटेलाल महतो को प्रथम स्थान मिला। इसके साथ ही 28 छात्र-छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन की ओर प्रकाश डाला और बताया कि उनके लिखे साहित्य और विचार समाज में आज भी प्रासंगिक हैं। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ संज्ञा ने मुंशी प्रेमचंद की लिखी साहित्य रचना और उनकी दृष्टिकोण की ओर ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि किस तरह से संसाधन के अभाव में भी प्रेमचंद जी ने अपनी लेखनी के द्वारा समाज को एक नया राह दिखाया और अपनी अतुलनीय लेखन से पूरे हिंदी साहित्य समाज का चेहरा बदल कर रख दिया, उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास, कहानी, लघु कथा आज भी बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो० उत्तम कुमार ने करते हुए कहा कि साहित्य समाज का आईना होता है और यह वाक्य प्रेमचंद जी की साहित्य से सार्थक होती है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रो० नागेश्वर महतो, प्रो० मनोज झा, प्रो० निरंजन महतो, प्रो० जुही उपाध्याय, प्रो० फ़हमीदा नाज़, प्रो० ज्योति कुमारी, प्रो० क़ुररुतलेंन, अंजनी करमाली, प्रो० निकहत परवीन, प्रो० अंजू कुमारी, प्रो० शाहनवाज खान, प्रो० रेवालाल पटेल, प्रो० ताराशंकर अग्रवाल, प्रो० शबाना अंजुम, प्रो० हिना कौसर, ज़फरूल हसन खान, रवि कुमार, कुसुम कुमारी, आसिया आफ़रीन, सोनू कुमार, राजेश तिवारी, राहुल कुमार, पिंटू कुमार, पूनम कुमारी, करमी देवी तथा भारी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।