कानपुर में बिहार के 7 मुन्ना भाई गिरफ्तार,गैंग का लीडर रंजीत यादव मधुबनी जिले का रहनेवाला
अनूप कुमार सिंह
पटना।उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UPSTF) (कानपुर यूनिट) की टीम ने अंतर्राज्यीय सॉल्वर गिरोह का पर्दाफाश कर बिहार के सात “मुन्नाभाइयों” समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गैंग का लीडर बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला रंजीत यादव बताया जा रहा है। गौरतलब हो कि रंजीत राजधानी
पटना में किराए के मकान में रहकर एक साइबर कैफे से पूरे गिरोह को ऑपरेट करता है। गिरोह के संपर्क में कई युवतियां भी बताई जा रही है। पकड़े गए लोगों में गिरोह की कमान को यूपी में संभालने वाला राहुल कुमार भी है। राहुल कुमार प्रयागराज का निवासी बताया जा रहा है।
पटना के महेंद्र पोस्ट ऑफिस के पास किराए के मकान में रहता है। रंजीत यादव STF इंस्पेक्टर घनश्याम यादव के मुताबिक “मुन्नाभाई” गिरोह का लीडर रंजीत यादव है। दिलचस्प बात
तो यह है कि रंजीत यादव अपने बेहद करीबी गुड्डू व जितेंद्र के जरिए पूरे नेटवर्क को बिहार की राजधानी पटना से ऑपरेट करता है। मधुबनी जनपद का निवासी रंजीत यादव वर्तमान समय में पटना के महेंद्रू पोस्ट ऑफिस के पास किराए के मकान में रहता है। पास में ही एक साइबर कैफे है। इस साइबर कैफे को रंजीत यादव ने अपने नेटवर्क का अड्डा बना रखा है। रंजीत के गिरोह में कई युवतियों के भी जुड़े होने की सूचनाएं मिल रही हैं। गिरोह के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर सॉल्वर करने वाले लोग करीब-करीब हर प्रांत में हैं।सूत्रों के मुताबिक
रंजीत बिचौलियों के जरिए अभ्यार्थियों से मिलता है। गैंग लीडर रंजीत
पकड़े गए “मुन्नाभाइयों” ने पूछताछ में STF को बताया कि ऑन लाइन फार्म भरने वाले अभ्यार्थी बिचौलिए के जरिए गिरोह तक पहुंचते हैं। बातचीत के में यदि पक्का हो जाता है। तो फिर गिरोह अपने ढंग से फेक आइडी तैयार करवाने के बाद किस सॉल्वर को परीक्षा देने जाना है। यह भी तय कर लेता है। नए सॉल्वर को सिर्फ 10 हजार रुपए ही दिए जाते हैं। जबकि पुराने सॉल्वर को ये रकम 40-50 हजार रुपए तक दी जाती है। परीक्षा केंद्र में बैठने के बाद अभ्यार्थी के करीबी लोगों से तुरंत तय रकम का शेष हिस्सा वसूला जाता है।
UP में बैठा “सरदार” नए सॉल्वर को ले जाता है परीक्षा केंद्र
“मुन्नाभाई” के लीडर रंजीत यादव ने हर प्रांत में अपना नेटवर्क खड़ा कर रखा है। यूपी में ये काम उसने प्रयागराज जनपद निवासी राहुल कुमार को दे रखा है। राहुल अधिकतर समय पटना में ही रंजीत यादव के साथ रहता है। सौदा पक्का होने के बाद नए सॉल्वर को वह लेकर खुद परीक्षा केंद्र तक पहुंचता है। पूछताछ में सभी ने बताया कि नए सॉल्वर के पकड़े जाने की संभावना अधिक रहती है। इस लिए उसकी निगरानी अधिक करनी पड़ती है साथ ही एक व्यक्ति सेंटर पर मौजूद रहता है। ताकि वह हड़बड़ी में कोई गलती न कर दे। जबकि पुराने सॉल्वर में ये दिक्कत नहीं आती है।
पकड़े गए “मुन्नाभाइयों” में 7 बिहार और 3 यूपी के STF टीम को लगार सॉल्वर गिरोह की सूचनाएं मिल रही थीं। सर्विलांस के जरिए कई मोबाइल नंबरों को टीम ने ट्रेस करना शुरु किया तो गिरोह की कड़ी का पता चला। फ्राइ-डे की रात को प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर सॉल्व करने वाले कुछ “मुन्नाभाइयों” की लोकेशन कानपुर के कल्याणपुर में मिली तो STF तुरंत अलर्ट हो गई। शनिवार को STF ने 10 “मुन्नाभाइयों” पकड़ने में सफलता प्राप्त की। इसमें यूपी के प्रयागराज का रहने वाला राहुल कुमार है। गिरोह के लिए यूपी की कमान राहुल कुमार के पास है।
STF ने बिहार और यूपी के जिन सॉल्वर को गिरफ्तार किया है उनके नाम 1- महेश कुमार यादव 2- प्रवेश यादव 3- सुनील कुमार निवासी थाना मरोंना जिला सुपौल 4-ललित कुमार यादव तुलस्याही, सुपौल 5- अजय कुमार तांती थाना सोहसराय जिला नालंदा, 6- विकास कुमार मालाकार निवासी थाना सिलाव जिला नालंदा 7- मुकेश कुमार सिंह थाना भोरे जिला गोपालगंज बिहार के रहने वाले हैं। जबकि पकड़े गए अजय कुमार यादव निवासी नवाबगंज प्रयागराज, रामबाबू पाल निवासी प्रयागराज कंडीडेट हैं। जो कि मोटी रकम देकर सॉल्वर से प्रतियोगी परीक्षा अपने नाम से दिलवा रहे थे।
कानपुर में कई बार परीक्षा दे चुके हैं “मुन्नाभाई”
पकड़े गए सॉल्वर गिरोह के लोगों ने बताया कि वो लोग पहली बार कानपुर में परीक्षा देने नहीं आए हैं बल्कि 6-12 बार वो लोग यहां पर परीक्षा दे चुके हैं। पकड़े गए सभी सॉल्वर काफी पुराने और अनुभवी हैं। इनके पास से नकदी के साथ-साथ STF ने 11 मोबाइल, 21 एडमिट कार्ड, फर्जी वोटर आइडी (1), ब्लैंक चेक 5, इसमें दो SBI, 3 HDFC बैंक की हैं। तीन ड्राइवरिंग लाइसेंस, आधार कार्ड 19, एटीएम कार्ड 6, पैनकार्ड 3, एक बाइक और एक स्कूटी की बरामदगी की गई है। सभी के खिलाफ कानपुर के कल्याणपुर थाने में कई धाराओं के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत करवाया गया है।