जानवरों के संरक्षण में 21.25 करोड़ खर्च , फिर भी झारखंड के जंगली जानवरों पर मंडरा रहा मौत का साया
झारखंड के 10 हजार कोयल हो गए लुप्त, प्रजनन पर भी नहीं हुआ काम
नेवला, सियार, भेड़िया सहित 27 जानवरों की संख्या नहीं के बराबर
झारखंड में सांभर की संख्या 45, बाघ की संख्या की स्पष्ट नहीं , दो ही बचे हैं साहिल
रांचीः झारखंड का वन विभाग जंगल के साथ जंगली जानवरों का भी संरक्षण नहीं कर पा रहा है। संरक्षण के आभाव के कारण इन जानवरों पर मौत का साया मंडरा रहा है। जंगलों से जंगली जानवर लुप्त होते जा रहे हैं. वन विभाग ने अपने एक्शन प्लान में जंगली जानवरों की सूची को भी शामिल किया है. सूची में 27 जंगली जानवरों की संख्या का भी उल्लेख है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में जंगली जानवरों की संख्या 30166 बताई गई है. जबकि वन्य प्राणी संरक्षण पर 21.25 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं।
सांभर, चीतल, नेवला हो रहे लुप्त
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार सांभर, चीतल, साहिल और नेवला की संख्या काफी कम हो गई है. झारखंड में सांभर की संख्या 45 बताई गई है. बाघ की संख्या की स्थिति स्पष्ट नहीं है. चीतल की संख्या 867, नेवला की संख्या 140 और साहिल की संख्या सिर्फ दो है. वहीं गिद्ध बीडिंग सेंटर भी शुरू नहीं हो पाया है. वन विभाग के अनुसार, प्रदेश में गिद्धों की संख्या लगभग 300 के आसपास है.
25000 से घटकर कोयल की संख्या हो गई 15 हजार
झारखंड में दस 10 साल पहले जहां 25000 कोयल थी, जो आज घटकर लगभग 15 हजार के बीच पहुंच चुकी है।अब स्थिति यह हो गई है कि कोयल और उसकी आवाज की खूबियां केवल किताबों और कविताओं में ही सुनने और पढ़ने तक सिमटती जा रही है।
जंगली जानवरों के संरक्षण का क्या है एक्शन प्लान
वन विभाग ने जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए एक्शन प्लान भी तैयार किया है. इसके तहत जंगल का दायरा बढ़ाने के लिए पौधारोपण को अहम बताया गया है. जानवरों के पीने के पानी के लिए चेकडैम का निर्माण और भोजन की व्यवस्था करने को प्लान में शामिल किया गया है.
जानवरों की घटती संख्या पर वन विभाग का तर्क
जानवरों की कमी पर वन विभाग का तर्क है कि वन्य जीव के पुनर्वास का आभाव है. विभाग के अनुसार बढ़ती आबादी, जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाये जाने के विरूद्ध प्रतिक्रिया, नई बस्तियों का विकास, रेलवे लाइन का निर्माण, सड़क निर्माण और बिजली लाइन का निर्माण के कारण जानवरों का पलायन हो रहा है.
किस जानवर की कितनी है संख्या
चीतलः 867, सांभर: 45, जंगली सुअर: 2604, भौर: 147, नीलगाय: 03, कोटरा: 477, बाघ: 03 (स्थिति स्पष्ट नहीं), तेंदुआ: 50, हड्डा: 19, भेड़िया: 135, बंदर: 17304, हनुमान(बंदर की प्रजाति):4711, हाथी: 688, भालू: 153, खरहा: 513, मोर: 858, जंगली कुत्ता: 27, जंगली गिलहरी: 202, जंगली मुर्गा: 927, धनेश: शून्य, माउस डियर: 16, लोमड़ी: 72, नेवला: 140, गिद्ध: 300, सियार: 266, जंगली बिल्ली: 26 और साहिल: 02