डीएवी रजरप्पा में मनाई गई महात्मा नारायण दास ग्रोवर की 17वीं जयंती

रामगढ़: सी०सी०एल० रजरप्पा स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में महर्षि दयानंद के अनुयायी, कर्मयोगी महात्मा नारायण दास ग्रोवर की 17वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान झारखंड प्रक्षेत्र–डी के सहायक क्षेत्रीय अधिकारी व डीएवी विद्यालय रजरप्पा के प्राचार्य डॉ० एस० के० शर्मा और सभी शिक्षकों ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तत्पश्चात विद्यालय के प्रांगण में वैदिक परंपरानुसार वैदिक हवन कार्यक्रम में भाग लेकर दो मिनट का मौन धारण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। विद्यालय की प्रातःकालीन प्रार्थना सभा में आठवीं एवं नवीं कक्षा की छात्रा सृष्टि अग्रवाल तथा अनुप्रिया चौधरी ने हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में उनके जीवन एवं किए गए योगदानों को याद करते हुए बताया कि 6 फरवरी 2008 को पंजाब में उनका निधन हुआ। सातवीं कक्षा की छात्राओं ने उनकी स्मृति में भजन प्रस्तुत किया जिससे सभी का हृदय द्रवित हो उठा। प्रातःकाल प्रार्थना सभा में विद्यालय प्राचार्य ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया। उन्होंने कहा कि महात्मा नारायण दास ग्रोवर ने डीएवी संस्था के रूप में ऐसा पौधा लगाया जिसकी छाया एवं सुंदरता में हम फल फूल रहे हैं। डीएवी संस्थान के रूप में शिक्षा की बगिया ऐसी फैली जो बिहार झारखंड, उड़ीसा, बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तथा आदिवासी इलाकों में ढाई सौ से अधिक स्कूल सफलतापूर्वक संचालित हैं तथा उस विद्यालय में लाखों बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। महात्मा ग्रोवर साहब शिक्षा के माध्यम से एक सभ्य समाज और सभ्य चरित्र का निर्माण करना चाहते थे जिससे पूरी तत्परता एवं ईमानदारी के साथ देश का विकास हो सके। वे ईमानदारी के एक मिशाल थे। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इस संस्था के लिए अवैतनिक सेवा दी। उनका जीवन तथा आदर्श हम सभी शिक्षकों एवं छात्र–छात्राओं के लिए अनुकरणीय है।

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