सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे10 लाख नौनिहाल चार सालों से साइकिल के लाभ से वंचित,पॉलिटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने जांच की मांग की
रांची: प्रकृति और प्राकृतिक मामले में संपन्न झारखंड प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे नौनिहालों को कल्याण विभाग से आवंटित साइकिल योजना के लाभ से वंचित होना पढ़ रहा है। पिछले चार सालों से इन बच्चों को साइकिल नहीं मिला है। जबकि विभाग के पास इसकी राशि उपलब्ध है।
इस मामले को लेकर झाविमो के पूर्व जिला अध्यक्ष सह पॉलिटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है।
श्री मिश्रा ने पत्र के माध्यम से लिखा है कि सिर्फ लेनदेन एवं हिस्सादारी के चलते निविदा का निष्पादन नहीं किया गया।जिसकी जांच होनी चाहिए। झारखण्ड के लिए यह शर्मनाक है। कल्याण विभाग मौन, मंत्री चुपचाप हैं, उन बच्चों को चार साल से साइकिल नहीं दिया गया है। आखिर उन बच्चों का क्या कसूर है ?
झारखण्ड के लिए कितनी दुर्भाग्य है कि चार साल में सचिव कल्याण विभाग, आदिवासी कल्याण आयुक्त एवं मंत्री ने आजतक साइकिल वितरण संबंधि निविदा की शर्त को फाइनल नहीं किया। कौन निविदा प्रकाशान करेगा, निविदा के शर्तों में बदलाव सचिव या कल्याण आयुक्त या फिर मंत्री के स्तर से होगा। यह सब विगत चार सालों से लम्बित है।कोई निर्णय नहीं होना कितनी दुर्भाग्य है।
महामहिम राज्यपाल से अग्राह है कि अपने स्तर से इन सभी बिन्दुओं पर जांच कराने की कृपा की जाय। क्योंकि सचिव स्तर से ब्राण्डेड कम्पनी जिसका टर्न ओवर 250 करोड़ प्रति वर्ष 7 से 10 लाख तक साईकल की आपूर्ति करने संबंधि शर्त रखा गया था। फिर सिर्फ अपने स्वार्थ के खातिर निविदा रद्द कर दिया गया। कल्याण विभाग ने सकल्प जारी कर कहा था कि 8. 9. 10 वीं कक्षा के छात्रों को बीपीएल खाता में जमा राशि से साइकिल दी जायेगी पर यह संकल्प आजतक पूरा नहीं हुआ। चार साल से छात्रों को साइकिल का वितरण सुनिश्चित नहीं की गयी।
बच्चों के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है, चाहे विभागीय मंत्री हो, सचिव हो या कल्याण आयुक्त हो ? विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में पैसा रहते हुए छात्र साईकल प्राप्त करने से वंचित क्यों हैं जो जांच का विषय है।