खूंटी में 03 स्कूलों को मिला उत्कृष्ट विद्यालय दर्जा,सीएम ने ऑनलाइन किया लोकार्पण

खूंटी: राज्यस्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय के लोकार्पण में जिले को तीन विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय मिला है। सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को ऑन लाइन लोकार्पण किया है। इसमें खूंटी जिले के 03 विद्यालय शामिल हैं। 1. एस. एस +2 उच्च विद्यालय, खूंटी 2. आदर्श विद्यालय, खूंटी 3. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, कर्रा शामिल हैं। इन स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड, प्रैक्टिकल क्लास रूम, प्ले ग्राउंड, साइंस लैब, पार्किंग सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
कार्यक्रम को ऑन लाइन संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित क्लास रूम डिजिटल बोर्ड, प्रैक्टिकल क्लास रूम, प्ले ग्राउंड, पार्किंग व्यवस्था से सुसज्जित उत्कृष्ट विद्यालय बनाया गया है। शिक्षा की दिशा में महत्वकांक्षी कदम सरकार ने उठाया है। इसमें शिक्षकों की अहम भूमिका है। इसे लेकर सभी प्रिंसिपल और शिक्षकों को प्रशिक्षित भी किया गया है। सभी पिछड़े वर्ग, आदिवासी, गरीब बच्चों के लिए सुगम शिक्षा व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक बहुत बड़ा शस्त्र है जिसके माध्यम से हर एक मुकाम हासिल किया जा सकता है। झारखंड जैसे राज्य के लिए यह अतिआवश्यक है। राज्य भर में लगभग 35 हजार से अधिक सरकारी स्कूल हैं हम सभी के लिए ये विद्यालय प्राथमिकता होनी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था के नया आयाम जोड़ा जा रहा है। सभी उत्कृष्ट विद्यालयों में बेहतर शिक्षा का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इस माह के अंत तक में अलग अलग चरणो में हजारों की संख्या में शिक्षकों की बहाली की जाएगी, इस माह के अंत तक में 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इन स्कूलों के संचालन में स्कूल की प्रबंधन समिति की भी अहम भूमिका है। स्कूल में संसाधनों के साथ बेहतर शिक्षा भी उपलब्ध कराई जाय। बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों का आकलन कर विद्यालयों को भी सम्मानित किया जाएगा। प्राइवेट स्कूलों के स्पर्धा में सरकारी स्कूल आय और राज्य व देश के मॉडल स्कूल के रूप में स्थापित की जा सकें। बच्चों को विदेशों में पढ़ने के लिए राज्य सरकार फॉरेन स्कॉलरशिप उपलब्ध करा रही है, साथ ही सावित्री बाई फुले, गुरुजी क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन सहित अन्य योजनाएं सकरार द्वारा संचालित है।
वहीं उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि ये उत्कृष्ट विद्यालय बेहतर शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए सुदृढ़ व्यवस्था के साथ – साथ उनके उज्ज्वल भविष्य और शिक्षण व्यवस्था में उत्तरोत्तर सुधार किया जा रहा है।
जिला स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय (School of Excellence) के रूप में विकसित की गई है। आदर्श विद्यालय की परिकल्पना के चार स्तम्भः-

1) विद्यार्थियों का अधिगम प्रतिफल

2) शिक्षकों का नेतृत्व एवं क्षमता विकास

3) सामुदायिक सहभागिता

4) बाल-प्रिय आधारभूत

*सरकारी स्कूलों में होंगी आधुनिक सुविधाएं*

उत्कृष्ट विद्यालय जो तकनीक और आधुनिक शिक्षा के आधार पर रूप लिए हैं वह तैयार है। इन विद्यालयों में अत्याधुनिक आधारभूत संरचना, लाइब्रेरी, सांइस लैब, डिजिटल स्मार्ट क्लास, खेल प्रशिक्षण समेत कई आधुनिक सुविधाएं मौजूद होंगी जिससे सामान्य वर्ग के बच्चों को लाभ मिलेगा।
विद्यालयों के बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बच्चों को एग्रीकल्चर, आईटी, आईटीईएस, अपारेल एण्ड मेडअप एण्ड होम फर्निशिंग, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, ऑटोमोटिव, टूरिज्म एण्ड हॉस्पिटालिटी समेत अन्य ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाना है।
हालांकि पढ़ाई का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी दोनों में होगा लेकिन अंग्रेजी बोलने पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसको लेकर लैंग्वेज लैब और स्पोकन इंग्लिश कोर्स के अलावे शिक्षक और प्रिंसिपल को भी प्रशिक्षित किया गया है।

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