यशोदा हॉस्पिटल्स सोमाजीगुड़ा ने सफल सिंगल-स्टेज हुअल स्टोमा रिवर्सल सर्जरी के साथ उम्मीद की लौ जगाई

रांची: उन्नत सर्जिकल देखभाल के क्षेत्र में अग्रणी यशोदा हॉस्पिटल्स ने झारखंड रांची के 25 वर्षीय सौरव कुमार यादव पर एक जटिल डुअल स्टोमा रिवर्सल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हॉस्पिटल के डॉक्टर ने इसकी जानकारी दी। सर्जरी सफल हुए 25 वर्षीय सौरव कुमार यादव के बारे बताया कि
इससे पहले, एक गंभीर सड़क दुर्घटना (रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट) के बाद उन्हें फेकल पेरिटोनाइ‌टिस हो गया था, जिसके कारण उनकी लैप्रोटॉमी कर डाइवर्जन इलियोस्टॉमी और कोलॉस्टॉमी करनी पड़ी थी। कई महीनों की रिकवरी के बाद भी, उनके मामले की जटिलता को देखते हुए देश के कई बड़े चिकित्सा केंद्रों ने सर्जरी को जोखिमपूर्ण बताकर टाल दिया। लेकिन यशोदा हॉस्पिटल्स में सिंगल-स्टेज हुअल स्टोमा क्लोजर प्रोसीजर के जरिए सफल इलाज किया गया।
इस जटिल सर्जरी को डॉ. मुड़े जयंत, कंसल्टेंट सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन ने अपनी बहुविशेषज्ञ टीम के साथ मिलकर अंजाम दिया। इस प्रक्रिया में इलियोस्टॉमी और कोलॉस्टॉमी दोनों का इंटरनलाइजेशन, सूक्ष्मता से की गई एनास्टोमोसिस, और सर्जरी के बाद दर्द प्रबंधन शामिल था, जिससे रोगी को तेज़ और सुरक्षित रिकवरी मिली।
सर्जरी की सफलता पर बोलते हुए डॉ. मूड़े जयंत ने कहा कि डुअल स्टोमा रिवर्सल एक अत्यंत जटिल प्रक्रिया है. जिसमें पाचन तंत्र की प्राकृतिक कार्यप्रणाली को पुनः स्थापित करना होता है। यशोदा हॉस्पिटल्स में हम अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता को मिलाकर अपने मरीजों को सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्रदान करते हैं। हमें खुशी है कि श्री यादव अब सामान्य आहार और जीवनशैली की ओर लौट रहे हैं।
यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स बीते तीन दशकों से विविध चिकित्सा आवश्यकताओं वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। कुशल नेतृत्व और मजबूत प्रबंधन के अंतर्गत यह समूह चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्टता का केंद्र बन चुका है। यहाँ अत्याधुनिक तकनीक और दुर्लभ तथा जटिल प्रक्रियाओं में भी विशेषज्ञ उपचार दिया जाता है।
यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद के अंतर्गत सोमाजीगुड़ा, सिकंदराबाद, मलकपेट और हाइटेक सिटी में 4 स्वतंत्र अस्पताल हैं जिनमें कुल 4000 बेड्स की सुविधा है। गुणवत्ता, सेवा में उत्कृष्टता और संवेदनशीलता के प्रति निरंतर समर्पण के साथ, यशोदा सर्जरी के बाद मरीज को सर्जिकल इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया, जहाँ पोस्ट-ऑपरेटिव पेन मैनेजमेंट और निगरानी की गई। इसके बाद उन्हें धीरे-धीरे सॉफ्ट ओरल डाइट पर शिफ्ट किया गया। ड्रेन हटाने के बाद और बॉवेल फंक्शन के सुधरते ही. उन्हें स्थिर स्थिति में छुट्टी दे दी गई।

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