सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट विषय पर कार्यशाला का आयोजन

लातेहार: समाहरणालय सभागार में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट विषय पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस दौरान माननीय विधायक मनिका रामचंद्र सिंह, उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता, भारतीय हरित सेवा के परियोजना निदेशक, सलाहकार सी. श्रीनिवासन, डिप्टी डायरेक्टर पीटीआर ब्रजेश कांत जेना, उप विकास आयुक्त सुरजीत कुमार सिंह, अपर समाहर्ता रामा रविदास, सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी लातेहार अजय कुमार रजक, जिला परिषद सदस्य, जिला स्तरीय पदाधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित का कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
इस दौरान विधायक मनिका के द्वारा भारतीय हरित सेवा के परियोजना निदेशक, सलाहकार श्री सी. श्रीनिवासन को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट किया गया।*
कार्यशाला को संबोधित करते हुए माननीय विधायक मनिका ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण के दृष्टिगत हमें ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन की तकनीकी विधि को अपनाने की जरूरत है। जिले को स्वच्छ व हरा-भरा बनाए रखने के लिए पर्यावरण अनुकूल विधियों व प्रक्रियाओं पर बल देने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी से कचरा प्रबन्धन की प्रक्रिया अपनाते हुए जिला, गांव, पंचायत को साफ-सुथरा बनाने की बात कही।
सॉलिड एण्ड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट पर आयोजित कार्यशाला में सी श्रीनिवासन ने अवांछित ठोस और तरल पदार्थों के उपचार और पुनर्चक्रण के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक प्रकाश डाला।
कार्यशाला में उन्होंने बताया कि उद्यान अपशिष्ट (जैसे सूखे पत्ते), मछली बाजार अपशिष्ट, सब्जी अपशिष्ट, द्वितीयक पृथक्करण शेड, एक मवेशी शेड और दो या तीन बायो-गैस संयंत्र प्राथमिक पृथक्करण स्रोत पर किया जाता है, जबकि द्वितीयक पृथक्करण एसएलआरएम केंद्रों पर किया जाता है। तृतीयक पृथक्करण एक सामान्य केंद्र पर किया जाता है।
पर्यावरण प्रदूषण के कारण जिले अंतर्गत कचरा जमा होने की समस्या को वैज्ञानिक ठोस स्थापित करके हल किया जा सकता है।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि प्रसिद्ध पर्यावरणविद भारतीय हरित सेवा के परियोजना निदेशक, सलाहकार सी. श्रीनिवासन के द्वारा पर्यावरण संरक्षण और सेवा संगठन में ठोस और तरल संसाधन प्रबंधन का स्थायी मॉडल विकसित किया गया है। कचरा प्रबंधन की अवधारणा के प्रति उनका दृष्टिकोण, वर्गीकरण और पुनरूउपयोग के मामले में क्रांतिकारी है।
आगे उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य लातेहार को एक शून्य-अपशिष्ट बनाने और भविष्य के पर्यावरणीय प्रशिक्षकों का निर्माण करने की दिशा में काम करना है। पर्यावरण प्रदूषण के कारण जिले के विभिन्न पंचायतों में कचरा जमा होने की ज्वलंत समस्या को वैज्ञानिक ठोस स्थापित करके हल किया जा सकता है। इस दिशा में कार्य किया जा रहा हैं।
आगे उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिले अंतर्गत ठोस एवं तरल संसाधन प्रबंधन (एसएलआरएम) अंतर्गत कम्पोस्टिंग यार्ड स्थापित की गई हैं। जिसका आज शुभुभारंभ किया जायेगा। कम्पोस्टिंग यार्ड में एकत्र किए गए गीले कचरे से खाद बनाया जाएगा और सूखे कचरे को अलग करके पुनर्चक्रित किया जायेगा।
इसके पश्चात राजकीय बुनियादी विद्यालय, लातेहार में सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) प्रोजेक्ट अन्तर्गत कम्पोस्टिंग यार्ड का शुभारंभ माननीय मनिका विधायक श्री रामचंद्र सिंह के द्वारा किया गया।*
इस दौरान उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि
मिशन मोड में लातेहार जिले में इस ग्रीन एंड क्लीन लातेहार मिशन की शुरुआत की गई है, हम सबसे पहले अपने चुने हुए ब्लॉक में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे लागू करेंगे। इसका उद्देश्य है जो भी जैविक व अजैविक कचरा प्रबंधन है दोनो के प्रबंधन के ऊपर कार्य किया जायेगा।
जिले अंतर्गत गांव, पंचायतों में उत्पन्न ठोस एवं तरल अपशिष्टों का सुरक्षित निपटान सुनिश्चित करता है तथा बेरोजगार युवाओं को आय प्रदान करने में मददगार साबित होगा।
आगे उन्होंने बताया कि 36 स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) महिलाओं को एसएलआरएम मास्टर ट्रेनर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम (एमटीटीपी) में शामिल किया गया। एसएचजी दीदियां मास्टर ट्रेनर के रूप में काम करेंगी, अपने अपने पंचायतों में जाकर प्रशिक्षण देंगे।
जिसके बाद इनका 90 दिन का प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिसमें बाकी जो ठोस कचरा है उसका प्रबंधन कैसे किया जाना है उसके बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। आगे उन्होने कहा कि हमारा लक्ष्य आगामी 26 जनवरी 2026 तक लातेहार जिला को कचरा मुक्त बनाना है। इस कार्यक्रम के सफलता के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।
मौके पर भारतीय हरित सेवा के परियोजना निदेशक, सलाहकार श्री सी. श्रीनिवासन, डिप्टी डायरेक्टर पीटीआर ब्रजेश कांत जेना, उप विकास आयुक्त सुरजीत कुमार सिंह, अपर समाहर्ता रामा रविदास, सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार सिंह, जिला योजना पदाधिकारी समीर कुल्लू, जिला परिषद सदस्य, जिला स्तरीय पदाधिकारियों, गणमान्य विधायक प्रतिनिधि, प्रखंड प्रमुख, मुखिया ,पंचायत सचिव, पर्यावरण कार्यकर्ता, समाजसेवी , समेत अन्य उपस्थित थे।

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