बेतिया में युद्धस्तर पर नाला उड़ाही एवं अवैध कब्जा हटाने का कार्य

अवधेश कुमार शर्मा
बेतिया : प्रतिवर्ष की भांति जिला मुख्यालय बेतिया को जल जमाव से मुक्त रखने के लिए रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। शहरवासियों को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिए जिला प्रशासन एवं नगर निगम प्रशासन सभी संभव प्रयास कर रहा है। जिसका परिणाम भी नगरवासियों व जिलावासियों को वर्षा होने पर परिलक्षित होगा। इसके लिए विगत एक सप्ताह से विशेष अभियान युद्धस्तर पर संचालित है। दिन-रात नालों की उड़ाही एवं नालों से अवैध कब्जा हटाने का कार्य प्रशासन कर रहा है। नालियों पर अवैध कब्जा हटाने के दौरान विधि-व्यवस्था के लिए पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेट, पुलिस बल भी तैनात किया गया है। जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने एसडीएम बेतिया को उपर्युक्त कार्य का लगातार अनुश्रवण एवं निरीक्षण करने का निदेश दिया है।
जिला पदाधिकारी के निदेश पर बरसात के पूर्व सभी नालों की नियमित विधिवत उड़ाही की जा रही है। डीएम की समीक्षा के क्रम में नगर आयुक्त नगर निगम बेतिया लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि रात में नालों की उड़ाही एवं अतिक्रमण हटाने का कार्यारंभ कर दिया गया है। ड्रोन कैमरे की मदद से नालों का सर्वेक्षण कार्य जारी है। सर्वेक्षण के आधार पर नालों की उड़ाही एवं अवैध कब्जा हटाने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि वार्ड नंबर-13 एवं 19 में टाउन थाना से साहिल टै्रवल तक रोड से उतर नाला पर बने लंबे-लंबे स्लैब को तोड़कर हटाया गया है। रजिस्ट्री कार्यालय के पीछे के नालों की उड़ाही करायी गयी है। शान्ति नगर में मानवबल से उड़ाही कराई गई है। जिला पदाधिकारी ने नाला उड़ाही एवं अवैध कब्जा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर दिन-रात कराने एवं निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध बेहतर उपलब्धि को लेकर नगर आयुक्त नगर निगम बेतिया व कार्य में लगे सभी पदाधिकारियों, कर्मियों एवं पुलिस बलों की सराहना की। आगामी मानसून की प्रतीक्षा कर रही है बेतिया की जनता। नगर निगम में बदलने के बाद बेतिया में कुल 46 वार्ड बनाए गए हैं। ऐसी परिस्थिति में नगर निगम की चुनौती बढ़ गई है। बेतिया के मीना बाजार के जल जमाव की चर्चा सर्वाधिक होती है। आसन्न बरसात में सबकी नजर जिला मुख्यालय पर टिकी हुई है। आमजन के घरों की कौन कहे विगत वर्ष जिला समाहरणालय में वर्षा का पानी घुस जाने से किरकिरी हुई। जिला मुख्यालय का बानू छापर क्षेत्र जलमग्न रहता है, इसबार प्रबुद्धजनों की नज़र उधर भी रहेगी, जिला प्रशासन अखबारों में खबरों का प्रकाशन कराकर जो वाहवाही बटोर रहा है, बटोरना भी चाहिए, लेकिन धरातल पर कितना असरदार साबित होगा, यह आनेवाला बरसात ही बताएगा। फ़िलहाल सफाई कार्यों की प्रशंसा अवश्य की जानी चाहिए। जिला प्रशासन व नगर निगम प्रशासन को चाहिए बेतिया को जलजमाव मुक्त, क्लीन बनाने के लिए कितनी राशि खर्च कर रहा है, उसका खुलासा भी करे, क्योंकि सभी राशि बेतियावासियों की है। बेतिया का ड्रेनेज सिस्टम सुधार कर जल जमाव मुक्त बनाने की दिशा में डीएम की पहल प्रशंसनीय है।

बेतिया नगर भवन से सोआबाबू चौक, मीना बाजार, नया बाजार, बानू छापर व अन्य क्षेत्र में जल जमाव से विकट स्थिति उत्पन्न होती रहती है। वर्तमान में नगर निगम का चुनाव नहीं हुआ है, सभी व्यवस्था प्रशासनिक पदाधिकारियों के हाथ में है। मानसून आगमन के बाद सफाई भी संभव नहीं, इसलिए प्रशासन रात दिन सफाई में लगा है, ताकि यह सिद्ध किया जा सके कि जन प्रतिनिधियों व प्रशासनिक सफाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन कौन कर सकता है…..!! अब प्रशासनिक व्यवस्था व निर्वाचित प्रतिनिधियों की व्यवस्था में उत्कृष्ट कोई भी हो आमजन व व्यवसायियों को राहत मिलनी चाहिए। नगर परिषद नरकटियागंज में निजी एजेंसी नाली उड़ाही कार्य मे लगी है, देवी स्थान मन्दिर के पास नाली सफाई के क्रम में नालियों को तोड़ा जा रहा है। उपर्युक्त क्षति की भरपाई कौन करेगा, यह यक्ष प्रश्न है?

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