गृह मंत्री अमित शाह सरना धर्म कोड़ पर क्यों चुप हैं: सोनाल शांति

रांची: आदिवासियों के लिए मगरमच्छ के आंसू तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तो खूब बहाया, लेकिन सरना धर्मकोड के मामले में कुछ ना बोले। भ्रष्टाचारियों को अपनी गोद में बिठाकर दूसरों को भ्रष्टाचारी बताना कोई अमित शाह से सीखे।
उक्त वक्तव्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कांग्रेस और झारखंड सरकार पर लगाए गये आरोप पर दिया। श्री शांति ने कहा कि अमित शाह परिवारवाद तुष्टीकरण,सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का आरोप कांग्रेस पर लगाते हैं जबकि परिवार वादी नेताओं को सबसे ज्यादा भाजपा में जगह दिया गया है। कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष सोच की राजनीति को सांप्रदायिक चश्मे से देखने वाली भाजपा को तुष्टीकरण दिखता है। वर्तमान में जम्मू कश्मीर में लगातार हमले हो रहे हैं, चीन सीमा क्षेत्र में घुस रहा है हास्यास्पदत बात है कि देश की कमान मोदी के हाथों में है और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कांग्रेस कर रही है।
उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में राज्य को 84 हजार करोड़ रुपये विकास के लिए मिले जबकि मोदी के 10 साल के शासनकाल में झारखंड से गुजरने वाली सड़कों रेलवे मार्ग पर हुए खर्च को भी राज्य के हिस्से मे जोड़ रहे है। झारखंड के हिस्से की रॉयल्टी का 136000 करोड़ रूपया केंद्र सरकार पर बकाया है उस संबंध में अमित शाह ने कुछ भी नहीं कहा इसका साफ मतलब है कि झारखंड के प्रति उनकी सोच दोहरी नीति वाली है।
अमित शाह भ्रष्टाचार की बात करते हैं और एक समय देश मोदी जी द्वारा सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा को घोषित किया गया था और आज उन्हें झारखंड का सह प्रभारी बनाया गया है। भ्रष्टाचारियों की रणनीति से झारखंड फतह की तैयारी भाजपा कर रही है। अमित शाह मनरेगा घोटाला की बात करते हैं जो अर्जुन मुंडा के कार्यकाल में हुआ और उन्हें मंच पर गृह मंत्री अपने साथ बिठाते हैं। दवा घोटाले के आरोपी भानु प्रताप शाही जिनकी संपत्ति ईडी द्वारा जप्त की गई है उनसे ईमानदारी का प्रमाण पत्र प्राप्त करते हैं और आलमगीर आलम को भ्रष्टाचारी कहते हैं, जिन पर सिर्फ अभी आरोप लगाया गया है। गृह मंत्री के मंच से राज्य के मुख्यमंत्री को एक भ्रष्टाचारी पूर्व मंत्री द्वारा अमर्यादित शब्दों से संबोधित किया जाता है लेकिन इस इस पर अमित शाह की चुप्पी भाजपा और भाजपा नेताओं के संस्कारों को दर्शाती है।
श्री शांति ने कहा कि अमित शाह घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज के मामले में जनसंख्या पर श्वेत पत्र लाने की बात करते हैं लेकिन सीमाओं से घुसपैठ कैसे और क्यों हो रही है इसकी बात नहीं करते। देश की जनता जानती है की सीमाओं की रक्षा के मामले में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों फेल हैं।
पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण देश में देने का श्री अमित शाह लेना चाहते हैं लेकिन झारखंड में पिछड़ा वर्ग आरक्षण 27% से घटकर 14% बाबूलाल मरांडी के सरकार में क्यों किया गया इसका भी जवाब उन्हें देना चाहिए था। झारखंड की जनता भड़काऊ भाषणों से उनके पक्ष में नहीं आने वाली है, उनकी जमीनी हकीकत को यहां की जनता जानती है।

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