बर्फ पिघली : चिराग ने छू लिए पैर तो चाचा पारस ने लगा या गले

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के 25 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने बीते मंगलवार को सभी सहयोगी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। देर शाम हुई इस बैठक में एक-दूसरे पर बयानों के तीर से हमले करते रहे केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान जब आमने-सामने पड़े तो रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलती नजर आई। दरअसल, सभी नेता जब पीएम मोदी का माल्यार्पण कर स्वागत कर रहे थे, उस वक्त चिराग अपने चाचा के बगल में ही खड़े नजर आए।
इस दौरान पशुपति पारस जब चिराग के सामने पड़े तो पुराना प्रेम जाग उठा और भतीजे ने झुककर उनके पैर छु लिए, फिर पारस ने भी चिराग को गले लगा लिया और रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलती नजर आई
एनडीए की बैठक के बाद चाचा से सुलह के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि वे (पशुपति पारस) मेरे लिए पिता के समान हैं। पहले तस्वीर और फिर बयान, एक-दूसरे के खिलाफ तलवारें खींचे खड़े नजर आ रहे चिराग-पशुपति के तेवर में इतना बदलाव कैसे आ गया?
अब सवाल ये है कि बीजेपी पशुपति पारस और चिराग की पार्टी का विलय क्यों कराना चाहती है? इसका जवाब सीट बंटवारे को लेकर चल रही माथापच्ची से जुड़ा है। पारस पांच लोकसभा सीटों की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि उनकी पार्टी के अभी पांच सांसद हैं, ऐसे में उन्हें कम से कम उतनी सीटें तो मिलें जितने उनके सांसद हैं। वहीं, दूसरी तरफ चिराग 2019 के फॉर्मूले की याद दिला छह लोकसभा और एक राज्यसभा सीट पर दावा ठोक रहे हैं। इतना ही नहीं, दोनों चाचा-भतीजे ये ऐलान भी कर चुके हैं कि हम हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में बीजेपी की टेंशन बढ़ गई है। सीट बंटवारे से लेकर हाजीपुर पर फंसे पेच तक, बीजेपी को लग रहा है कि किसी तरह चिराग-पशुपति साथ आ गए तो हर समस्या का हल निकल आएगा।

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