दबंगों ने बंद करा दी पढ़ाई-लिखाई तो मास्टर साहब ने खेतों में शुरू की कक्षा
गिरिडीहः खेतों में कक्षा, झारखंड के भविष्य की फसलें ऐसी ही तैयार हो रही हैं । ठंड कड़ाके की हैं, चल रही शीतलहरी और मास्टर साहब गुणा भाग सीखा रहे हैं । बच्चे सीख रहे हैं । एक नहीं दो–दो क्लास एक साथ चल रही है । खेत में बच्चे पढ़ रहे हैं । धान कटने के बाद अभी खेत बैठने लायक़ हुआ नहीं फिर खुले में पढ़ाई चल रही है । आपको लगेगा कि सर्दियों में इसी तरह से क्लासें चलती हैं । मगर यहां हकीकत कुछ और है ।
एक तरफ़ लड़के और लड़कियां पढ़ रही हैं और दूसरी ओर रास्ते पर झाड़ियां रखी हुई हैं । इन झाड़ियों से इन छात्रों का गहरा नाता है । छात्र इसलिए इन खेतों में पढ़ने के लिए मजबूर हैं क्योंकि स्कूल में जाना मना है । मनाही इनके मां–बाप ने नहीं बल्कि इलाके के दबंगों ने कर रखी है ।
जी हां ये खेतों में चल रही है ये क्लासेज झारखंड के गिरिडीह के जमुई के गोरो पंचायत की है । जहां प्लस टू के बच्चे इसलिए कड़कड़ाती ठंड में पढ़ने के लिए मजबूर हैं क्योंकि ज़मीन विवाद में दबंगों ने इस स्कूल का रास्ता ही रोक दिया । रास्ता सरकार ने बनवाया था लेकिन यहां सरकार और सिस्टम फेल है । झारखंड के भविष्य की फसल खेतों में लहलहा नहीं रही बल्कि कड़कड़ाती ठंड में ठिठुर रही है।
ग्रामीण इलाकों में जहां बच्चों को स्कूलों तक लाना सरकार की सबसे बड़ी चुनौतियों में एक हैं वहां दंबगों की वजह से बच्चे किन हालातों में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। मीडिया में ख़बर दिखाने के बाद गिरिडीह प्रशासन की नींद टूटी और झाड़ियां हटाईं गईं । स्कूल का रास्ता खोला गया ।
स्कूल का रास्ता खुल गया है लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं कि फिर कब बंद कर दिया जाए । आख़िर शिक्षा के लिए जो समाज ज़मीन दान करता था वो इतना लालची हो चुका है कि बच्चों के भविष्य के साथ–साथ उनकी सेहत से भी खिलवाड़ करने से गुरेज़ नहीं कर रहा है ।