जब पीएम मोदी मंच पर आए होंगे तब उनको भूत ही भूत नजर आने लगा होगा :सुप्रियो भट्टाचार्य
बीजेपी में कांग्रेस,झामुमो और अन्य दल से गए सभी नेता उन्हें भूत ही भूत नजर आ रहा था
रांची : जमशेदपुर में भाजपा की महापरिवर्तन रैली में पीएम मोदी के द्वारा झामुमो के अंदर घुसा कांग्रेस का भूत के बयान पर झामुमो ने पलटवार किया है। पार्टी के प्रवक्ता सह केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज परिवर्तन रैली में मंच पर केवल भूत ही भूत नजर आ रहा था। इसलिए उन्होंने अपने सम्बोधन में भूत का इस्तेमाल किया। जब पीएम मंच पर आए तो सब उनको भूत भूत नजर आने लगा। कोई कांग्रेस से गया भूत, कोई जेवीएम से गया भूत है। क्योंकि 240 जो सांसद जीत कर गए हैं उसमें 115 सांसद भूत हैं। मणिपुर में जिसने आग लगाया, असम के मुख्यमंत्री वह भी भूत हैं और जो डेढ़ साल से मणिपुर जल रहा है उसके मुख्यमंत्री भी भूत हैं। आज पूरे मंच का जो सामने का जो कुर्सियां थी उसमें एक भाजपाई बैठा हुआ था वह थे हमारे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। बाकी तो भुत ही भूत थे। मंच पर उनके स्थानीय सांसद थे,वे भी भूत थे जो मंच के संचालन कर रही थी वह भी भूत थी।
उन्होंने कहा कुरुक्षेत्र में रैली मे मात्र 5000 लोग जुटे थे। वह पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र आता है. उनको समझ में आ गया था सोते-सोते हर जगह का हार का भूत नजर आएगा। महाराष्ट्र, बिहार का भूत, झारखंड में तो भूत आज सामने ही नाच रहा था। झारखंड ने जो सांसद दिए हैं फिर भी पीएम मोदी डरे हुए हैं। यह भाजपा में समाए हुए भूत का असर था। उनके केन्द्रीय मंत्री हार गए वे भी भूत थे। हमको तो लगता है झारखंड के साथ जो भाजपा का जो पुराना प्रदर्शन है फिर से किया गया है। अब ट्रेन उद्घाटन को सौगात के रूप में जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा वंदे भारत ट्रेन में मध्यम वर्ग के लोग कैसे सफर करेंगे। उस ट्रेन मे रांची से कोलकाता का किराया ढाई हजार से है। यह सब अपने अमीर दोस्तों को खुश करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी साबित करे कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ हुआ है। प्रधानमंत्री ने खुद बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना घुसपैठ कराया है। विधानसभा चुनाव में झामुमो भाजपा का भूत उतार देगी।
झारखंड सरकार का केंद्र सरकार पर बकाया हजारों करोड़ रुपये देने के विषय पर पीएम मोदी ने कुछ भी नहीं कहा। साथ ही सरना धर्म कोड लागू करने के विषय पर भी कुछ भी नहीं कहा है.झारखंड के आदिवासियों में निराश है।