ग्राम बाल संरक्षण समिति अब करेगी मानव तस्करी की निगरानी
खूंटी: मुरहू प्रखंड के ग्राम बाल संरक्षण समिति ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार किया है और अब वह मानव तस्करी की निगरानी का जिम्मा भी उठाएगी। यह पहल बाल अधिकारों की सुरक्षा और बच्चों की बेहतरी के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। समिति का यह निर्णय बच्चों को तस्करी से बचाने और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया उपरोक्त निर्णय बाल कल्याण संघ और एपीएफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का प्रशिक्षण में लिया गया। प्रखंड के बिचना और गोडाटोली पंचायत ग्राम बाल संरक्षण समिति के सदस्यों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में दोनों पंचायतों के 6 गांवों की ग्राम बाल संरक्षण समिति के लगभग 70 सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समिति को सशक्त बनाना और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए उन्हें और अधिक प्रभावी बनाना था।कार्यक्रम में
मुख्य प्रशिक्षक श्री ओम प्रकाश तिवारी ने कहा कि बाल संरक्षण समिति का कार्य बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि ग्राम बाल संरक्षण समिति में कई प्रकार के केस आ सकते हैं, जिन्हें बहुत ही सावधानी से हैंडल करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, “बाल संरक्षण समिति जितनी मजबूती से कार्य करेगी, बच्चों का सर्वांगीण विकास उतना ही संभव होगा। हमें हर केस में संवेदनशीलता और सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि यह बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ मामला होता है।”
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कई बाल संरक्षण समिति के लोगो ने अपनी बाते और समस्या को कैसे हल करते हैं साझा किया। इन सभी सदस्यों ने प्रशिक्षण को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और समिति के अन्य सदस्यों को मार्गदर्शन प्रदान किया।
प्रशिक्षण के अंत में सभी सदस्यों ने बाल संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए संकल्प लिया कि वे अब अपने अपने गांवों में मानव तस्करी जैसे गंभीर समस्याओं को भी गंभीरता के साथ और सतर्कता के साथ सुलझाएंगे समिति को और अधिक सक्रिय और प्रभावी बनाएंगे। यह कार्यक्रम बाल संरक्षण समिति के सदस्यों को उनके दायित्वों के प्रति जागरूक बनाने और बच्चों के संरक्षण की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा।