टीएसी की तरह राज्य सरकार अनुसूचित जाति परिषद का गठन करे: उपेंद्र रजक
रांची: झारखंड में अनुसूचित जाति अपनी लंबित मांगों को लेकर कई बार सरकार से गुहार लगा चुकी है। लेकिन राज्य सरकार उनकी मांगों को अनदेखी करती आई है। यह बातें झारखंड अनुसूचित जाति समन्वय समिति के अध्यक्ष उपेंद्र रजक ने कही।
उन्होंने कहा कि झारखंड में अनुसूचित जाति का आयोग तो है,लेकिन इसमें न तो अध्यक्ष है और न ही कोई सदस्य का गठन किया गया है। पूर्व की रघुवर सरकार के कार्यकाल में आयोग का गठन हुआ और इसमें अध्यक्ष सहित सदस्यों को नियुक्त किया गया था। रघुवर दास सरकार का कार्यकाल समाप्त होते ही अनुसूचित जाति आयोग भी बंद हो गया है।
यानी कि हेमंत सोरेन की सरकार में अनुसूचित जाति आयोग को डिसेबल कर दिया है।
उपेंद्र रजक ने कहा कि झारखंड में जैसे टीएसी का गठन हुआ है,उसी तरह अनुसूचित जाति परिषद का गठन किया जाना चाहिए। एकलव्य विद्यायल की तर्ज पर अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय का गठन होना चाहिए।
इसके अलावा अनुसूचित जाति छात्रावास का निर्माण होना चाहिए।
जिससे गांव देहात से शहरों में उच्च शिक्षा पाने वाले बच्चों को रहने में कोई परेशानी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के छात्र छात्राओं का जाति और आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है। इससे उनको केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण मिलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों को हो रही परेशानियों का समाधान करना, उनको मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 11जून को अनुसूचित जाति विभाग की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इस बैठक में किन किन मुद्दों पर विचार विमर्श होता है यह तो बैठक के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन हमलोग इतना चाहते है कि अनुसूचित जाति की जो लंबित मांगें है उसे जल्द से जल्द राज्य सरकार पूरा करे। हमलोगों की राज्य में करीब पचास लाख आबादी है।

